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महाराष्ट्र: पूर्व सांसद ने की असदुद्दीन ओवैसी की सदस्यता खत्म करने की मांग, राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी; जानें कारण

अमरावती की पूर्व सांसद ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की लोकसभा सदस्यता खत्म करने के लिए राष्ट्रपति को एक चिट्ठी लिखी है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: June 27, 2024 16:02 IST
Asaduddin Owaisi- India TV Hindi
Image Source : PTI पूर्व सांसद नवनीत राणा ने की असदुद्दीन ओवैसी खत्म करने की मांग

लोकसभा में फिलिस्तीन की गुणगान करने वाले AIMIM चीफ व सांसद असदुद्दीन ओवैसी को लेकर एक खबर सामने आ रही है। पूर्व सांसद नवनीत राणा ने ओवैसी की संसद सदस्यता खारिज करने की मांग की है। नवनीत राणा ने इसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में नवनीत राणा ने कलम 102 और 103 का हवाला देते हुए ओवैसी की सदस्यता रद्द करने के लिए कहा।

फिलिस्तीन का लगाया था नारा

बता दें कि शपथ ग्रहण के दौरान AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के सांसद सदस्य के रूप में ओवैसी ने संसद में शपथ ली और अंत में जय फिलिस्तीन कहा। इसे लेकर एनडीए के सांसदों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद प्रोटेम स्पीकर भातृहरि महताब ने इसे संसद की रिकॉर्ड से हटा दिया। अब इसी के विरोध में महाराष्ट्र के अमरावती से पूर्व सांसद नवनीत राणा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने ओवैसी के इस कारनामे को जिक्र करते हुए ओवैसी की सदस्यता खत्म  करने के लिए कहा है।

संविधान की धारा का दिया हवाला

चिट्ठी में नवनीत राणा ने लिखा कि 26 जून को सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ ली और लोकसभा में जय फिलिस्तीन के नारे लगाए। चूंकि फिलिस्तीन विदेश है जिसका किसी भी भारतीय नागरिक या संविधान से कोई वास्ता नहीं है। संविधान के कॉलम 102 के मुताबिक, कोई भी संसद सदस्य दूसरे देश के लिए अपनी निष्ठा या दृढ़ता यदि प्रदर्शित करता है या उसके द्वारा ऐसा कृत्य होता है तो उसकी लोकसभा सदस्यता खारिज की जा सकती है।

Navneet Rana

Image Source : INDIA TV
राष्ट्रपति को लिखा गया पत्र

'ये बेहद गंभीर मामला'

आगे लिखा कि असदुद्दीन ओवैसी ने फिलिस्तीन के प्रति अपनी निष्ठा, दृढ़ता एवं लगाव पेश किया जो संविधान का उल्लंघन है। यह बहुत गंभीर मामला है, यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए घातक भी सिद्ध हो सकता है। संसद सदस्य होने के बावजूद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बात का सरेआम उल्लंघन किया जो एक तरह से राष्ट्रद्रोह है। इसके लिए नवनीत ने संविधान की कलम 102 और 102 1(ड) का हवाला दिया है और इसी के आधार पर सदस्यता रद्द करने की मांग की है। साथ ही लिखा कि चुनाव आयोग से कॉलम 103 के अनुसार राय मंगाकर इस मामले में जांच की जाए और ओवैसी की सदस्यता रद्द की जाए।

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