मुंबई. महाराष्ट्र की सियासत में मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर के बाद हड़कंप मचा हुआ है। विपक्ष के लपटे में न सिर्फ महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख आ गए हैं बल्कि एनसीपी के मुखिया शरद पवार के रोल पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। रविवार को शरद पवार ने राजधानी नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले की जांच पूर्व IPS अधिकारी जुलियो रिबैरो से करवाने की सलाह दी थी। शरद पवार के इस सुझाव पर 92 साल के IPS अधिकारी जुलियो रिबैरो की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार के सुझाव को अस्वीकार कर दिया।
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शरद पवार की सलाह के बारे में सवाल करने पर रिबैरो ने पीटीआई/भाषा से कहा, "मैं उपलब्ध नहीं हूं। किसी ने (राज्य सरकार में से) मुझसे संपर्क नहीं किया है। और वैसे भी अगर वे मुझसे संपर्क करते हैं तो, मैं उपलब्ध नहीं हूं।" रिबैरो ने कहा, "मैं 92 साल का हूं। 92 साल की उम्र में कोई ऐसा काम नहीं करता। अगर जांच महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ है कि पवार को यह देखना चाहिए क्योंकि वह (सत्तारूढ़) पार्टी के मुखिया हैं।"
रिबैरो मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त हैं जो बाद में गुजरात और पंजाब के पुलिस प्रमुख रहे और वह रोमानिया में भारत के राजदूत भी रहे हैं। उन्होंने कहा, "एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को यह करने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए।" बता दें कि कल दिल्ली में पवार ने संवाददाताओं से कहा कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सलाह देंगे कि वह सिंह के दावों की जांच कराने में रिबैरो की मदद लें। ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाजे को हर महीने उनके लिए 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था। (इनपुट- भाषा)
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