महाराष्ट्र में इसी साल नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। उससे पहले शरद पवार गुट एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। आगामी विधानसभा चुनाव में अजित पवार गुट को 'घड़ी' चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की है। शरद पवार गुट ने अपनी याचिका में कहा है कि अजित पवार गुट को विधानसभा चुनाव के लिए एक नया सिंबल अलॉट किया जाए।
शरद पवार गुट ने कहा है कि लोकसभा चुनावों के दौरान अजित पवार गुट ने 'घड़ी' सिंबल पर चुनाव लड़ा था, जिससे मतदाताओं में भ्रम पैदा हुआ और उन्हें यह समझने में कठिनाई हुई कि असली NCP कौन है। शरद पवार गुट का कहना है कि जब तक सिंबल मामले पर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दाखिल उसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं देता, तब तक अजित पवार गुट को नया सिंबल अलॉट किया जाना चाहिए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
महायुति सरकार के खिलाफ आरोपपत्र
इससे पहले शरद पवार गुट की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने बुधवार को महायुति सरकार के खिलाफ एक आरोपपत्र पेश किया, जिसमें राज्य से उद्योगों के पलायन और कानून-व्यवस्था के ध्वस्त होने को उजागर किया गया। शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने महाराष्ट्र की आर्थिक गिरावट, उद्योगों के पलायन और महिला सुरक्षा सहित 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अभियान शुरू किया। लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने मंत्रालय के पास महात्मा गांधी की प्रतिमा से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा तक मार्च किया और बाद में दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक तक पैदल मार्च किया।
'हक्क मागतोय महाराष्ट्र' अभियान
जयंत पाटिल ने कहा, "हम पूरे राज्य में ‘हक्क मागतोय महाराष्ट्र’ (हक मांग रहा महाराष्ट्र) अभियान शुरू कर रहे हैं। हम महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करने के लिए एकजुट हैं।" इस अभियान में दृश्य-श्रव्य माध्यम का इस्तेमाल होगा, जिसमें विभिन्न मीडिया पर विज्ञापन और एक नया गाना शामिल है। उन्होंने कहा कि पहला विज्ञापन बढ़ती बेरोजगारी और प्रमुख परियोजनाओं को गुजरात में स्थानांतरित करने पर केंद्रित है। पाटिल ने आरोप लगाया, "पिछले 10 वर्षों में बीजेपी और उसकी दो सहयोगियों (अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और शिवसेना) ने छत्रपति शिवाजी महाराज, ज्योतिबा शाहू, ज्योतिबा फुले और बी आर आंबेडकर की विचारधारा को कमजोर किया है।" कृषि संकट का आरोप लगाते हुए पाटिल ने दावा किया कि किसान इसलिए परेशान हैं, क्योंकि वे सोयाबीन, प्याज और संतरे के लिए उचित मूल्य चाहते हैं।
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