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LIC के सामने पेश की अपनी ही लाश और नकली मां-बाप, फर्जी इंश्योरेंस का खेल हुआ फेल

पुलिस को शिकायत मिलने के बाद LIC ने जांच शुरू की और करीबन 6 साल की जांच के बाद LIC को ऐसा समझ में आया कि दिनेश की मौत नहीं हुई है वो ज़िंदा है।

Reported By: Rajiv Singh
Updated on: March 09, 2023 7:08 IST
LIC से करोड़ों रुपए ठगने के लिए जालसाजी- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE LIC से करोड़ों रुपए ठगने के लिए जालसाजी

मुंबई की शिवाजी पार्क पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। इन तीनों पर आरोप है कि LIC से करोड़ों रुपए ठगने के लिए उन्होंने ज़िंदा आदमी को मरा हुआ बताया। गिरफ़्तार आरोपियों ने नाम दिनेश टाकसाले, अनिल लटके और विजय मालवदे है। इसमें मुख्य आरोपी दिनेश है, जिसने खुद को मरा साबित करने में अपने साथियों के साथ मिलकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, लेकिन 6 साल के बाद उसकी पोल खुल गयी और अब दिनेश के साथ उसके दो साथी सलाखों के पीछे हैं। 

पॉलिसी लेने के एक साल बाद दी क्लेम की अर्जी

मुंबई पुलिस के जोन-5 के DCP मनोज पाटिल ने बताया कि 21 फ़रवरी 2023 को LIC के अधिकारी ओमप्रकाश साहू की शिकायत के आधार पर IPC की धारा 465, 467, 468, 479, 420, 120 (B) और 511 के तहत अज्ञात शख़्स के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। पाटिल ने मामला समझाते हुए बताया कि इस मामले में गिरफ़्तार दिनेश टाकसाले नाम के शख़्स ने 21 अप्रेल 2015 में LIC की 2 करोड़ रुपये की पॉलिसी निकाली थी। इसके बाद क़रीब एक साल तक आरोपी ने प्रीमियम समय पर भरा। 

इस मामले में गिरफ़्तार दूसरे आरोपियों ने 14 मार्च 2017 को LIC में इंश्योरेंस का क्लेम मिलने की अर्ज़ी दी। इस अर्जी में बताया गया कि 25 दिसंबर 2016 को दिनेश की रोड एक्सीडेंट में पुणे नगर इलाक़े के बेलवांडी पुलिस स्टेशन की ज्यूरिस्डिक्शन में मौत हो गई।

जिंदा है दिनेश, मां-बाप भी निकले नकली
पुलिस को शिकायत मिलने के बाद LIC ने जांच शुरू की और करीबन 6 साल की जांच के बाद LIC को ऐसा समझ में आया कि दिनेश की मौत नहीं हुई है वो ज़िंदा है और 2016 में बेलवंडी पुलिस स्टेशन जाकर उसकी पहचान करने वाले माता पिता भी उसके असली माता-पिता नहीं है। LIC को उसकी जांच में यह भी पता चला कि LIC की पॉलिसी ख़रीदने के लिए जो दस्तावेज दिनेश ने दिये थे वे दस्तावेज भी फर्ज़ी थे। डीसीपी पाटिल ने बताया कि दिनेश ने पॉलिसी ख़रीदते समय बताया था कि वो खेती करता है, जिससे उसे साल में क़रीबन 35 लाख रुपए की कमाई होती है। इसके अलावा वो मेस भी चलाता है जिससे उसे साल में 7-8 लाख की कमाई हो जाती है।

आरोपियों ने कैसे किया लाश का इंतजाम?
पुलिस के मुताबिक LIC को दिनेश की असली मां ने बताया था कि वह ज़िंदा है और यह भी बताया कि दिनेश के पिता का 2012 में देहांत हो गया था। डीसीपी ने आगे बताया कि हम जांच कर रहे हैं कि आख़िर आरोपियों को कैसे पता चला कि एक शख़्स की एक्सीडेंट्स में मौत हुई है और वो शख़्स कौन है? क्या सच मे एक्सीडेंट में किसी की मौत हुई थी? क्या किसी की हत्या कर उसे ही दिनेश बताया गया? वहीं पुलिस अब दिनेश के नक़ली मां-बाप की भी तलाश कर रही है।

वहीं फर्जीवाड़े को लेकर शक के दायरे में अस्पताल और डॉक्टर भी हैं। आरोपियों ने लाश का इंतजाम कहां से किया? लावारिस लाश कैसे मिली, क्या किसी अस्पताल की मोर्चरी से लाए या फिर किसी की हत्या कर उसकी पहचान छुपायी। इसको लेकर अभी जांच जारी है।

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