मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 1975-77 के दौरान देश में लागू इमरजेंसी के समय के कैदियों को दी जाने वाली पेंशन की योजना बंद कर दी है। यह पेंशन योजना उस दौरान आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (मीसा) के तहत पकड़े गए लोगों से संबंधित थी।
जुलाई 2018 में लागू की गई इस पेंशन योजना पर राज्य सरकार 41 करोड़ रुपये सालाना खर्च कर रही थी। इस योजना को तत्कालीन भाजपा शासनकाल में लागू किया गया था।
एक सरकारी संकल्प (जीआर) में शुक्रवार को कहा गया कि इस योजना को कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए वित्तीय संकट के बीच 'अनुचित खर्च' पर अंकुश लगाने के लिए बंद किया जा रहा है। लाभार्थियों को पेंशन के रूप में प्रति माह 10,000 रुपये मिल रहे थे।