Tuesday, December 10, 2024
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किसानों की 300 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर वक्फ की नजर, एकनाथ शिंदे बोले- हम अन्याय नहीं होने देंगे

लातूर के किसानों की जमीन को लेकर वक्फ बोर्ड का नोटिस मिलने पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Dec 09, 2024 7:25 IST, Updated : Dec 09, 2024 7:26 IST
eknath shinde- India TV Hindi
Image Source : PTI महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे

महराष्ट्र के लातूर के किसानों ने वक्फ बोर्ड पर उनकी जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। लातूर के 103 किसानों को वक्फ बोर्ड ने नोटिस भेजकर उनकी जमीन पर दावा जताया है जिसको लेकर किसानों का कहना है कि वक्फ बोर्ड उनकी जमीन को हड़पने की जुगत में लगा हुआ है। जिस जमीन पर किसान कई पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं, उस पर भी वक्फ अपनी दावेदारी कर रहा है।

वक्फ बोर्ड ने शरारत की है- चंद्रशेखर बावनकुले

करीब 300 एकड़ जमीन पर दावे का मामला महाराष्ट्र स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल में चल रहा है। इस संबंध में बोर्ड ने लातूर के 103 किसानों को नोटिस भेजा है। मामलें में दो सुनवाई हो चुकी हैं। अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है। अब इस मामले पर महाराष्ट्र बीजेपी चीफ चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि वक्फ बोर्ड ने शरारत की है। बहुत सारी संपत्तियां हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू ट्रस्टों और किसानों की हैं, लेकिन उन्होंने जबरन अपने नाम पर रजिस्टर्ड करा लिया है।

लातूर के किसानों को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की ओर से नोटिस मिलने पर महाराष्ट्र के डिप्टी एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी। शिंदे ने कहा, यह सरकार आम लोगों की है। हम किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

'अगर किसानों के पास दस्तावेज हैं तो नोटिस का फर्क नहीं पड़ेगा'

वहीं, इस मामले मालेगांव से AIMIM विधायक मुफ्ती इस्माइल कासमी ने कहा है कि अगर जमीन वक्फ बोर्ड की है तो उसे वापस करना होगा। कासमी ने कहा कि “अगर किसान दावा कर रहे हैं कि जमीन उनकी है और उनके पास इसे साबित करने के लिए जरूरी प्रमाण पत्र हैं, तो वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों को नोटिस जारी करने का कोई मतलब नहीं है। ट्रिब्यूनल कोर्ट को देखना चाहिए कि जमीन का मालिक कौन है। जिनके पास जमीन के जरूरी दस्तावेज हैं, वे ही जमीन के मालिक हैं।”

मुफ्ती इस्माइल कासमी ने कहा कि “अगर किसान दावा करते हैं कि जमीन उनकी है और उनके पास सबूत, दस्तावेज हैं, तो वक्फ बोर्ड 100 नोटिस भेजेगा तो क्या फर्क पड़ेगा। मेरे कहने का मतलब यह है कि अगर वक्फ बोर्ड ने नोटिस भेजा है, तो यह ट्रिब्यूनल का काम है। उन्हें देखना चाहिए कि स्वामित्व के दस्तावेज किसके पास हैं। अगर जमीन वक्फ बोर्ड के पास पंजीकृत है, तो बोर्ड को नोटिस वापस करना होगा। नियम यह है कि जमीन उन्हें मिलनी चाहिए। दोनों पक्ष अदालत जाएंगे और फैसला लिया जाएगा,” मुफ्ती इस्माइल कासमी ने कहा।”

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