महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का बवाल अब तक खत्म नहीं हो पाया है। मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे बीचे 5 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं और उनकी तबीयत खराब हो रही है। जरांगे ने कुछ भी खाने-पीने से साफ इनकार कर दिया है। इस बीच खबर आई है कि मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र सरकार 20 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलायेगी। जानकारी के मुताबिक, आज कैबिनेट में इस फैसले को मंजूरी दे दी गई है।
जरांगे ने जारी की चेतावनी
मनोज जरांगे ने जालना में प्रदर्शन स्थल पर संवाददाताओं से कहा है कि रामायण में भगवान हनुमान ने पूंछ से लंका में आग लगा दी थी। अगर मैं इस प्रदर्शन के दौरान मर गया तो मराठा, महाराष्ट्र को लंका बना देंगे। उन्होंने यह भी धमकी दी कि महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोई भी सार्वजनिक सभा नहीं होने दी जाएगी।
जरांगे का स्वास्थ्य खराब हो रहा
मराठा नेता मनोज जरांगे के नजदीकी लोगों को कहना है कि उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है लेकिन वह चिकित्सकों को अपनी जांच नहीं करने दे रहे हैं। उनकी नाक से खून बह रहा है लेकिन न तो पानी पी रहे हैं और न ही दवाएं ले रहे हैं। बता दें कि ये एक साल से भी कम समय में चौथी बार है जब जरांगे मराठा समुदाय को ओबीसी के तहत शामिल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे हैं।
सरकार ने कोर्ट में दिया जवाब
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बम्बई उच्च न्यायालय को बताया कि वह पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। सरकार ने कहा है कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाएगा, लेकिन जरांगे ने पहले ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है। कोर्ट में कहा गया है कि सरकार मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के उद्देश्य से नियमों में संशोधन करने के लिए सभी कदम उठा रही है।