Highlights
- एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा।
- शिंदे ने कहा कि उद्धव ने बालासाहेब के विचारों को बेच दिया।
- सीएम ने कहा कि बीजेपी से गठबंधन तोड़ उद्धव ने गद्दारी की थी।
Eknath Shinde Dussehra Rally: महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना की दशहरा रैली का अपना महत्व रहा है। अपनी स्थापना के समय से ही शिवसेना की दशहरा रैली महाराष्ट्र के आम जनमानस के बीच चर्चा का विषय रही है। जून में शिवसेना के दो धड़ों में टूटने के बाद इस बार 2 दशहरा रैलियां भी हुई हैं। शिवाजी पार्क में हुई दशहरा रैली में जहां पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा, वहीं बीकेसी ग्राउंड में हुई रैली में शिंदे ने ठाकरे पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला।
‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं, जय भवानी, जय शिवाजी’
एकनाथ शिंदे ने रैली में जिस तरह से अपने संबोधन की शुरुआत की, उससे तय हो गया कि महाराष्ट्र की सियासत में आने वाले दिनों में हिंदुत्व के मुद्दे पर कोहराम मचने वाला है। अपने संबोधन की शुरुआत में ही शिंदे ने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय’ और ‘जय भवानी जय शिवाजी’ के नारे लगाए। शिंदे ने कहा कि उन्होंने बालासाहेब की हिंदुत्व की भूमिका ली है और उन्हें पूरे महाराष्ट्र से समर्थन मिल रहा है। सामने उपस्थित जनसमूह की ओर इशारा करते हुए शिंदे ने कहा कि इतनी भारी भीड़ में मुझे समझ में ही नहीं आ रहा कि कौन, कहां खड़ा है।
‘लोगों ने बता दिया कि असली शिवसेना कौन है’
शिंदे ने अपने संबोधन में आनगे कहा कि लोगों के महासागर ने उत्तर दे दिया है कि असली शिवसेना कौन है। शिवाजी पार्क में उद्धव की रैली पर तंज कसते हुए शिंदे ने कहा, ‘आपने अदालत में जाकर शिवाजी पार्क लिया। मैं मुख्यमंत्री हूं, लेकिन मैंने पहले ही कह दिया था कि मैं कोई हस्तक्षेप नहीं करूंगा। मुझे इस पूरे राज्य का लॉ एंड आर्डर भी देखना है। आपको मैदान मिला है लेकिन हमारे साथ बाला साहब के विचार हैं। आपने बाला साहब के विचारों को तिलांजलि दी है तो क्या आपको वहां खड़े रहने का नैतिक अधिकार भी है?’
‘...और आप खुद NCP के रिमोट से चलने लगे’
शिंदे ने उद्धव पर हमला जारी रखते हुए कहा, ‘बाला साहब रिमोट से सरकार चलाते थे लेकिन आप तो खुद NCP के रिमोट से चलने लगे। अगर मैंने कोई बेईमानी की होती तो क्या आप इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित होते? यह शिवसेना न तो उद्धव ठाकरे की है और न ही एकनाथ शिंदे की है। यह शिवसेना बाला साहब के विचारों और करोड़ों शिवसैनिकों की है। बालासाहेब ने जिस कांग्रेस को गालियां दी, उसी के साथ आपने (उद्धव ने) सरकार बनाई। इसलिए बालासाहेब के विचारों को बचाने के लिए हमने ये भूमिका ली।’
‘आपने अपने बाप के विचारों को बेच दिया’
शिंदे ने उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पिछले 2 महीनों से हमें गद्दार कह रहे हैं। बाकी कुछ नही बोलने के लिए आपके पास। असली गद्दारी 2019 में हुई जब शिवसेना-बीजेपी गठबंधन तोड़ कर आपने सरकार बनाई। एक तरफ बाला साहब का फोटो तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी की फोटो लगायी थी। लगायी थी कि नहीं? जानता ने तब चुना। आपने जनता के विश्वास को तोड़ा। आपने गद्दारी की। हमने गद्दारी नहीं गदर किया है। आप हमको बाप चोर बोलते हैं? अरे, आपने अपने बाप के विचारों को बेच दिया?’