मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को पूछताछ के लिए अगले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने को कहा गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इससे पहले उन्होंने ईडी के सामने पेश होने के लिए नई तारीख का अनुरोध किया था। देशमुख को कथित तौर पर करोड़ों रुपए की रिश्वत लेने एवं जबरन वसूली करने वाले रैकेट से जुड़े धनशोधन के एक मामले के संबंध में ईडी ने सम्मन जारी किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 71 वर्षीय नेता को बलार्ड एस्टेट में स्थित एजेंसी के कार्यालय में जांच अधिकारी के सामने शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे पेश होना था, लेकिन देशमुख उपस्थित नहीं हुए और उन्होंने पेशी की नई तारीख के लिए अपने वकीलों को ईडी कार्यालय भेजा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देशमुख को अब अगले सप्ताह मंगलवार तक पेश होने को कहा गया है। उनके वकीलों ने जांचकर्ताओं को देशमुख का लिखा एक पत्र भी सौंपा। वकील जयवंत पाटिल ने ईडी कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (देशमुख) आज पेश नहीं होंगे। हमें इस मामले से संबंधित दस्तावेज नहीं दिए गए हैं। हमने ईडी को एक पत्र दिया है, जिसमें ये दस्तावेज और उस मामले का विवरण दिए जाने की मांग की गई है, जिसमें उनसे पूछताछ की जानी है। हम उसी के अनुसार अपना जवाब देंगे।’’
केंद्रीय एजेंसी ने देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे (51) और निजी सहायक कुंदन शिंदे (45) को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया था। इससे पहले, ईडी ने मुंबई और नागपुर में देशमुख, पलांडे और शिंदे के परिसरों पर छापे मारे थे। छापेमारी के बाद पलांडे और शिंदे को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय लाया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मुंबई की एक पीएमएलए अदालत ने उन्हें एक जुलाई तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर एक नियमित मामला दर्ज करने के बाद प्रारंभिक जांच शुरू की थी, जिसके बाद देशमुख एवं अन्य के खिलाफ ईडी ने मामला दर्ज किया। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख के खिलाफ रिश्वत के आरोप लगाए थे और अदालत ने जांच एजेंसी को इन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। देशमुख ने इन आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है।
उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के बाहर एक एसयूवी से विस्फोटक सामग्री मिलने के मामले की जांच के दौरान सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की भूमिका सामने आई थी। इसके बाद सिंह को उनके पद से हटा दिया गया था। वाजे को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस आयुक्त के पद से हटाये जाने के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि देशमुख ने वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम वसूलने को कहा था।
ईडी ने बताया कि मुंबई के करीब 10 बार मालिकों ने उसके समक्ष दर्ज कराए गए बयानों में आरोप लगाया है कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों के जरिए देशमुख तक पहुंचाने के लिए तीन महीने में चार करोड़ रुपए नकद ‘‘रिश्वत’’ दी। देशमुख महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस महा विकास आघाडी सरकार में गृह मंत्री थे।
सिंह ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि जब देशमुख ने वाजे से धन वसूलने को कहा था, उस समय पलांडे भी वहां मौजूद थे। पलांडे और शिंदे से सीबीआई भी पहले पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने देशमुख एवं अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है।