इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल (EAC) की आज पहली बैठक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की अगुवाई में हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हुए। इस काउंसिल में कुल 21 लोग थे। काउंसिल का मकसद राज्य में अगले कुछ सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर टेक्नोलॉजी, खेती उत्पादन समेत सभी क्षेत्रों में सामयिक विकास करना है।
पहले उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने बैठक को लेकर जानकारी दी और कहा कि अभी शुरुआत हुई है। अगली कुछ बैठक में राज्य के विकास को लेकर रोड मैप तैयार हो जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री शिंदे ने इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के सपने को साकार करने के लिए उठाया गए कदम को बताते हुए दावा किया कि इसमें महाराष्ट्र की अहम भूमिका होगी। इस बैठक की अध्यक्षता टाटा संस के चेयरमैन ने की थी।
हालांकि, तीन साल पहले अजित पवार के साथ नई सरकार के शपथ ग्रहण को लेकर खुलासा करने वाले फडणवीस ने पहले ही साफ कर दिया कि यहां कोई सवाल जवाब नहीं होगा, न कोई राजनीतिक चर्चा होगी।
'हमारे पास एनसीपी की ओर से प्रस्ताव आया था'
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी नेता अजित पवार के साथ रातोंरात हाथ मिलाने के प्रकरण के तीन साल बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि इस कवायद को एनसीपी प्रमुख शरद पवार का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने कहा, "हमारे पास एनसीपी की ओर से प्रस्ताव आया था कि उन्हें एक स्थिर सरकार की जरुरत है और हमें मिलकर ऐसी सरकार बनानी चाहिए। हमने आगे बढ़ने और बातचीत करने का फैसला किया। बातचीत शरद पवार से हुई। फिर चीजें बदल गईं। आपने देखा कि चीजें कैसे बदलीं।"
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