Highlights
- उद्धव गुट ने नए निशान के लिए तीन विकल्प दिए
- त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल का विकल्प दिया
- नए चुनाव चिन्ह पर चुनाव आयोग लेगा फैसला
Shiv Sena Crisis: महाराष्ट्र में असली शिवसेना किसकी हो, इसको लेकर उद्धव और शिंदे गुट की लड़ाई नए मोड़ पर पहुंच गई है। चुनाव आयोग ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह को सील कर दिया है। पार्टी का नाम और निशान छिन जाने के बाद शिवसेना के दोनों गुट आज बैठक कर अपनी नई रणनीति बना रहे हैं। मुंबई में उद्धव गुट की मीटिंग मातोश्री में हुई। बैठक के बाद उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को नए निशान के लिए तीन विकल्प दिए हैं।
ये नए नाम और निशान चुनाव आयोग को भेजे
चुनाव आयोग को उद्धव गुट ने शिवसेना के नए निशान और नाम के विकल्प भेज दिए हैं। उद्धव गुट ने नए चुनाव चिन्ह के तौर पर त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल का विकल्प दिया है। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के सामने तीन चुनाव चिन्ह और पार्टी के तीन नामों के विकल्प सौंपे हैं। चुवान चिन्ह के तौरा पर त्रिशूल, उगता हुआ सूरज और मशाल के विकल्प रखे हैं तो पार्टी के नए नाम के तौर पर 'शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे)', 'शिवसेना (प्रबोधनकर ठाकरे)' या 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' के विकल्प चुनाव आयोग को सौंपे हैं।
"हमारे पास सारे दस्तावेज और बहुमत"
वहीं शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर ने शिवसेना के चिन्ह पर कहा कि हमारे पास सारे दस्तावेज हैं और हमारे पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि हमें न्याय मिलेगा और चुनाव चिन्ह भी। उन्होंने (उद्धव गुट) पिछले ढाई साल में कुछ नहीं किया। लोग उन्हें वोट नहीं देंगे, इसलिए वे सहानुभूति मांग रहे हैं। केसरकर ने कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, हमें इसका सम्मान रखना चाहिए, ट्विटर पर उनका अपमान नहीं करना चाहिए।
"शिवसेना से संबंधित कोई भी नाम स्वीकार"
दूसरी तरफ उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि हमारी पार्टी का नाम शिवसेना है, अगर चुनाव आयोग 'शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे)', 'शिवसेना (प्रबोधनकर ठाकरे)' या 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' सहित शिवसेना से संबंधित कोई भी नाम देता है, तो वह हमें स्वीकार्य होगा। पार्टी सिंबल पर उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारे चुनाव चिन्ह को सील कर दिया। उन्होंने हमें नए चिन्ह देने के लिए कहा है। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को तीन चिन्ह दिए- 'त्रिशूल', 'मशाल' और 'उगता सूरज'। उन्होंने कहा कि अब चुनाव आयोग नए चिन्ह तय करेगा और आवंटित करेगा।