
पुणे: जिले में एक निजी कंपनी की मिनी बस में आग लगने का मामला सामने आया है। पुलिस की टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है। वहीं पुलिस ने गुरुवार को दावा किया कि असंतुष्ट चालक ने खुद वाहन में आग लगाई थी। बता दें कि कंपनी के निजी वाहन में आग लगने के दौरान कर्मचारी भी इसमें सवार थे। वहीं आग लगने की वजह से निजी कंपनी के चार कर्मचारियों की मौत भी हो गई।
साजिश के तहत लगाई आग
पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने कहा, ‘‘जांच से पता चला है कि आग दुर्घटना नहीं, बल्कि साजिश का नतीजा थी।’’ उन्होंने बताया कि मामले में आरोपी चालक जनार्दन हंबरदेकर हाल में अपने वेतन में हुई कटौती से नाराज था। गायकवाड़ ने कहा कि उसका कुछ कर्मचारियों के साथ विवाद था और वह बदला लेना चाहता था। अधिकारी ने कहा कि जिन कर्मचारियों के खिलाफ जनार्दन को रोष था, वे मृतक चार लोगों में शामिल नहीं हैं।
बस में 14 कर्मचारी थे सवार
बता दें कि यह घटना बुधवार की सुबह पुणे शहर के निकट हिंजवड़ी क्षेत्र में घटी थी। यहां ‘व्योमा ग्राफिक्स’ की बस में आग लग गई थी। बस में 14 कर्मचारी सवार थे। पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘आरोपी ने बेंजीन (ज्वलनशील रसायन) खरीदा था। उसने बस में पोंछने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कपड़ा भी रखा था। जब बस हिंजवड़ी के पास पहुंची तो उसने माचिस जलाई और कपड़े में आग लगा दी।’’ उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद जनार्दन खुद भी घायल हो गया, लेकिन कुछ अन्य लोगों के साथ वह बस से नीचे उतरने में सफल रहा था।
चार कर्मचारियों की हुई थी मौत
पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी चालक का अस्पताल में इलाज जारी है और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि घटना में 10 यात्री झुलस गए, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस घटना में चार कर्मचारियों- शंकर शिंदे (63), राजन चव्हाण (42), गुरुदास लोकरे (45) और सुभाष भोसले (44) की मौत हो गई। गायकवाड़ ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। (इनपुट- पीटीआई)
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