पाकिस्तान को खुफिया जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर को आज मंगलवार को पुणे की विशेष एटीएस अदालत ने 15 मई तक के लिए ATS हिरासत में भेज दिया है। प्रदीप कुरुलकर पर आरोप है कि वो हनीट्रैप में फंसने के बाद पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी दे रहे थे। गिरफ्तारी के बाद कुरुलकर को बर्खास्त कर दिया गया। DRDO की ओर से शिकायत के बाद महाराष्ट्र ATS ने कार्रवाई करते हुए 4 मई को प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया था। प्रदीप कुरुलकर पुणे में DRDO के निदेशक पद पर थे।
रिटायरमेंट से 6 महीने से दूर थे कुरुलकर
प्रदीप कुरुलकर ऐसे समय में हनीट्रैप में फंसे जब वे अपने रिटायरमेंट से छह महीने ही दूर थे। जानकारी के मुताबिक, वह पिछले छह महीने से मोबाइल फोन के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से जुड़ी एक महिला के कॉन्टैक्ट में थे। DRDO की विजिलेंस और इंटीलिजेंस टीम कई महीनों से प्रदीप कुरुलकर पर नजर बनाए हुए थी। DRDO के हेड क्वार्टर के सीनियर ऑफिसर की शिकायत पर महाराष्ट्र ATS ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद कुरुलकर को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को 9 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा था। आज हिरासत खत्म होने पर कोर्ट ने उन्हें फिर से 15 मई तक के लिए कस्टडी में भेज दिया है।
"खुफिया जानकारी से समझौता किया गया"
महाराष्ट्र एटीएस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के गुर्गों के साथ व्हाट्सएप मैसेज, वॉयस कॉल, वीडियो आदि के जरिए डीआरडीओ के वैज्ञानिक संपर्क में थे। डीआरडीओ के अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग किया, जिससे संवेदनशील सरकारी खुफिया जानकारी से समझौता किया गया, जो दुश्मन देश के हाथों में जाने से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है। एटीएस की ओर से आगे कहा गया कि महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते, कालाचौकी, मुंबई ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा 1923 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।