महाराष्ट्र के पुणे से हनीट्रैप का मामला सामने आया है। यह बात सामने आई है कि पुणे में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के निदेशक प्रदीप कुरूलकर हनीट्रैप में फंस गए थे। महाराष्ट्र एटीएस की टीम ने प्रदीप कुरूलकर को गिरफ्तार किया है। इस घटना से सनसनी मच गई है। एटीएस की गिरफ्तारी की कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि हनीट्रैप में फंसने के बाद पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी दी गई थी।
आरोपी को 9 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा
प्रदीप कुरूलकर उस समय हनीट्रैप में फंस गए, जब वे रिटायरमेंट से छह महीने दूर थे। पता चला है कि वह पिछले छह महीने से मोबाइल फोन के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से जुड़ी एक महिला के संपर्क में थे। DRDO की विजिलेंस और इंटीलिजेंस टीम कई महीनों से प्रदीप कुरूलकर पर नजर बनाए हुए थी। DRDO के हेड क्वार्टर के सीनियर ऑफिसर की शिकायत पर महाराष्ट्र ATS ने गुरुवार 4 मई को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत प्रदीप कुरूलकर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद कुरूलकर को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को 9 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा है।
भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है
एटीएस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के गुर्गों के साथ व्हाट्सएप मैसेज, वॉयस कॉल, वीडियो आदि के जरिए डीआरडीओ के वैज्ञानिक संपर्क मेंं थे। डीआरडीओ के अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग किया है, जिससे संवेदनशील सरकारी खुफिया जानकारी से समझौता किया गया है, जो दुश्मन देश के हाथों में जाने से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है। एटीएस की ओर से आगे कहा गया है कि महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते, कालाचौकी, मुंबई ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 की धारा 1923 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
- स्वरा पारखी की रिपोर्ट