मुंबई: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भी पूरा महाराष्ट्र कराह रहा है। हर दिन यहां मौतों का नया रेकॉर्ड बन रहा है। पूरे राज्य में एक बार फिर 15 दिनों के लिए मिनी लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। इस बीच, शुक्रवार को जनता को संबोधित अपने संदेश में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर लॉकडाउन जैसी पाबंदियां नहीं लगाई होतीं तो राज्य में कोरोना वयरस के एक्टिव केसों की संख्या नौ से दस लाख तक पहुंच जाती। उन्होंने कहा कि पूरी तरह लॉकडाउन की जरूरत हो सकती है लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम उस चरण तक पहुंचेंगे।
महाराष्ट्र स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर टेलीविजन पर दिए संबोधन में उन्होंने कहा कि नवीनतम पाबंदियों से कोरोना वायरस के मामलों पर रोक लगाने में मदद मिली और उपचाराधीन मरीजों की संख्या करीब 6.5 लाख बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कोरोना वायरस की इस लहर से उसी तरह लड़ेंगे जैसे पिछले वर्ष लड़े थे।’’
ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया है कि पिछले साल की तरह इस बार महाराष्ट्र में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'कल ही हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्या पिछले साल की तरह कठोर लॉकडाउन लगाने की ज़रूरत है? मैं आपसे पूछता हूं, मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत पड़ेगी। मैंने आपसे कहा था कि रोजी भले ही रुक जाए, रोटी रुकना नहीं चाहिए। कई लोगों को लगता है कि दूसरे राज्यों ने जो किया वो अभी करना चाहिए। अगर कोई कुछ अच्छा कर रहा होगा तो हम पालन करेंगे उसका।'
ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार 18 से 44 वर्ष तक के लोगों के टीकाकरण के लिए जरूरी 12 करोड़ टीके की खुराक खरीदने के लिए एक बार में चेक से भुगतान करेगी। उन्होंने कहा कि इस श्रेणी में लोगों का टीकाकरण शनिवार से खुराक की उपलब्धता के मुताबिक होगा और राज्य को शुक्रवार को तीन लाख खुराकें मिली हैं।
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