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शिरडी: नए साल के मौके पर भक्त ने साईंबाबा के चरणों में चढ़ाया 203 ग्राम वजन का सोने का हार, ये है कीमत

नए साल के मौके पर भक्तों ने साल के पहले दिन साईंबाबा को जमकर चढ़ावा चढ़ाया है। साईंबाबा को एक भक्त ने तो सोने का भारी हार चढ़ाया।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Rituraj Tripathi Published : Jan 01, 2025 23:59 IST, Updated : Jan 01, 2025 23:59 IST
Saibaba
Image Source : INDIA TV बबीता टीकू ने साईंचरणों में 203 ग्राम वजन का सोने का हार भेंट किया

शिरडी: नए साल के मौके पर भक्तों ने साल के पहले दिन साईंबाबा को जमकर चढ़ावा चढ़ाया है। गौरतलब है कि साईं बाबा के प्रति देश-विदेश में लाखों भक्तों की आस्था है। इसी आस्था के चलते भक्तों ने साईं बाबा की झोली में नववर्ष के अवसर पर खूब चढ़ावा चढ़ाया।

एक भक्त ने चढ़ाया सोने का भारी हार

1 जनवरी 2025 को साईं भक्त श्रीमती बबीता टीकू ने साईंचरणों में 203 ग्राम वजन का सोने का हार भेंट किया है। इसकी कुल कीमत 13 लाख 30 हजार 348 रुपए है। उन्होंने खूबसूरत कढ़ाई वाला हार साईंबाबा के चरणों में अर्पित किया है।

बबीता टीकू साईं भक्त हैं और मूल रूप से जम्मू कश्मीर की हैं। हालांकि वर्तमान में वह शिरडी की निवासी हैं। उनके परिवार ने नए साल के मौके पर ये हार बाबा के चरणों में चढ़ाया।

साईबाबा संस्थान शिरडी के सीईओ का आया बयान

साईबाबा संस्थान शिरडी के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि साईंचरणों में 203 ग्राम वजन का सोने का हार आया है, जिसकी कीमत  13 लाख 30 हजार है।

ट्रस्ट को खूब मिलता है गुमनाम दान, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कही थी ये बात

हालही में महाराष्ट्र के शिरडी में प्रसिद्ध मंदिर का प्रबंधन करने वाला श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के लिए अच्छी खबर सामने आई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह माना था कि ट्र्स्ट गुमनाम दान पर टैक्स छूट पाने के लिए पात्र है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट दोनों है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और सोमशेखर सुंदरेसन की खंडपीठ ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा दायर एक अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी गई थी। इसमें कहा गया था कि चूंकि ट्रस्ट एक धर्मार्थ और धार्मिक निकाय दोनों है, इसलिए यह अपने गुमनाम दान पर आयकर से छूट के लिए पात्र है।

श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने अक्टूबर 2024 में दावा किया था कि उसके पास धर्मार्थ और धार्मिक दोनों दायित्व हैं, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि यह पूरी तरह से एक धर्मार्थ ट्रस्ट है। आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) के टैक्स निर्धारण अधिकारी के मुताबिक, साल 2015 से 2019 के बीच ट्रस्ट को गुमनाम दान के रूप में भारी मात्रा में धन हासिल हुआ। डिपार्टमेंट ने कहा था कि इस राशि को टैक्स से छूट नहीं दी जा सकती।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, साल 2019 तक, ट्रस्ट को कुल 400 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला, लेकिन धार्मिक मकसदों के लिए सिर्फ 2.30 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 

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