मुंबई: गणेश चतुर्थी का त्योहार मुंबई सहित देश भर में अलग-अलग शहरों में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी के पहले दिन आज मुंबई के लालबाग के राजा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए लंबी कतारों में लगे हुए हैं और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। गणेश प्रतिमा के सामने कई किलोमीटर की लंबी कतार लगी हुई है, जिसमें आम से लेकर खास लोग भी गणपति के दर्शन के लिए आ रहे हैं। वहीं दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
सुबह से ही दर्शन कर रहे श्रद्धालु
इस बीच इंडिया टीवी की टीम ने भी लालबाग के राजा गणपति के पंडाल के पास जाकर स्थिति का जायजा लिया। हमने कोली समुदाए (मछुआरों) द्वारा संचालित लालबाग ट्रस्ट के अध्यक्ष बालासाहब कांबले से बातचीत भी की। उन्होंने लालबाग में गणेश प्रतिमा स्थापित करने की पूरी कहानी भी बताई। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि आज गणेश चतुर्थी के अवसर पर सुबह 4 बजे बप्पा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद सुबह 6 बजे से ही श्रद्धालुओं के लिए हमने बप्पा का दर्शन चालू कर दिया है। हर साल की तरह इस साल भी कल रात से ही श्रद्धालु लाइन में खड़े हैं। ये श्रद्धा का प्रलय है।
पहली बार 1934 में हुई स्थापना
आगे बात करते हुए बालासाहब कांबले कहा कि 1934 में लालबाग के राजा का पहला साल था, जब यहां प्रतिमा की स्थापना की गई। अंग्रेजों के जमाने में यहां कोई मार्केट नहीं था और यहां ओपन जगह थी। यहां पर जो स्थानीय लोग दुकान लगाते थे, उन्होंने इच्छा प्रकट की थी कि बप्पा की स्थापना की जाए। तब से यहां पर लालबाग के राजा की स्थापना की जाती है। आज के समय में यहां पर काफी अच्छी मार्केट लगती है। यहां अलग-अलग तरह की ग्रोसरी मार्केट है। यहां के लोगों का मानना है कि जो लालबाग के राजा हैं उनको मानकर जो इच्छा प्रकट करते हैं वह इच्छा पूरी हो जाती है।
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