मुंबई: भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना नेता संजय राउत के साथ अपनी मुलाकात को लेकर कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा न बनाया जाए। उन्होंने कहा, 'संजय राउत मेरा इंटरव्यू करना चाहते हैं और इसके लिए मैंने कुछ शर्त रखी थी। जैसे इंटरव्यू में मेरा कैमरा भी रहेगा और पूरा इंटरव्यू चलना चहिए तथा इंटरव्यू का एक भी हिस्सा एडिट नहीं किया जाएगा। जैसा है, वैसा चलाना है।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'जहां तक सरकार गिराने की बात है तो मैं बता दूं कि इस सरकार को गिराने की जरूरत नहीं है, यह खुद ही गिर जाएगा। इस सरकार के कामकाज को लेकर हर एक शख्श गुस्सा है। हमने शिवसेना के साथ जाने का बिल्कुल नहीं सोच है। कुछ लोग इस प्रकार कह रहे हैं कि शिवसेना के साथ बीजेपी जाएगी, वह गलत है।" बता दें कि इससे पहले संजय राउत भी इस मुलाकात पर सफाई दे चुके हैं।
संजय राउत ने कहा है कि "मैं कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कल देवेंद्र फड़नवीस से मिला। वह पूर्व सीएम हैं। इसके अलावा, वह महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता हैं और भाजपा के बिहार चुनाव के प्रभारी हैं। हमारे बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं।" इसके साथ ही संजय राउत ने साफ किया कि उनकी और फडणवीस के बीच हुई बैठक के बारे में सीएम उद्धव ठाकरे को पूरी जानकारी थी।
लेकिन, इस मुलाकात को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने महाराष्ट्र में कांग्रेस-शिवसेना की साझेदारी पर सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस को शिवसेना के साथ सरकार में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह बात शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत और भाजपा नेता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात के संदर्भ कही।
उन्होंने कहा, 'यह मुलाकात शिवसेना का राजनीतिक व्यभिचार है। शिवसेना की यही नीति है। किसान बिल पर भी शिवसेना की भूमिका कांग्रेस से अलग है। इसलिए, कांग्रेस को शिवसेना के साथ सत्ता में नहीं रहना चाहिए।' संजय निरुपम ने कहा, "अब सत्तारूढ़ गठबंधन का एक प्रमुख नेता, नेता प्रतिपक्ष से मिलता है, दो-दो घंटे बातें करता है तो सवाल तो उठेंगे ही। ऐसी हरकतें नहीं होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "शिवसेना ऐसे व्यभिचार के लिए जानी जाती है। वह जिसके साथ रहते हैं उसके साथ रहते भी हैं और नहीं भी रहते हैं। अभी कृषि बिल पाए हुए, कांग्रेस ने इसके खिलाफ अभियान चला रखा है। शिवसेना ने लोकसभा में बिलों का समर्थन किया और राज्यसभा में वोटिंग के दौरान सदन का बहिष्कार करके निकल जाती है।"
निरुपम ने कहा, "महाराष्ट्र में कांग्रेस और NCP की ओर से ऐलान होता है कि हम यह कानून (कृषि बिलों से जुड़ा कानून) लागू नहीं करेंगे और मुख्यमंत्री, जो शिवसेना के हैं, उनकी पार्टी ने इस कानून का समर्थन किया है। तो अब यह बताइये कि ऐसी परिस्थिति में किसानों के मन में एक सम्भ्रम है कि नहीं।"
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, "शिवसेना इस प्रकार का सम्भ्रम निर्माण करने के लिए जानी जाती है। इसीलिए शुरू से मैं कांग्रेस पार्टी को कह रहा हूं कि आपने अपना विचार, धर्म, व्यवहार सब छोड़कर सत्ता में जिसके साथ भागीदारी की है, वह आपके साथ रिश्ता निभाने वाले नहीं है।"
इन्हीं बातों के आधार पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने आगे कहा कि शिवसेना कभी भी कांग्रेस को धोखा दे सकती है।