
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके बयानों से समाज में द्वेष और नफरत न फैले। उन्होंने मंत्रियों को याद दिलाया कि उन्हें दिवंगत बीजेपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 'राज धर्म' का पालन करना चाहिए। मुख्यमंत्री फडणवीस की यह टिप्पणी दो दिन पहले नागपुर में भड़की हिंसा और बीजेपी मंत्री नितेश राणे के हाल के विवादास्पद बयानों के संदर्भ में आई है, हालांकि, उन्होंने किसी विशेष व्यक्ति का नाम नहीं लिया।
अटल बिहारी वाजपेयी का 'राज धर्म'
फडणवीस ने कहा, "एक मंत्री के तौर पर हमें एक निश्चित भूमिका निभानी होती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहीं इसका जिक्र किया था कि एक मंत्री के तौर पर हमें राज धर्म (शासक के कर्तव्य) का पालन करना होता है, इसलिए हमें अपनी व्यक्तिगत राय, पसंद और नापसंद को अलग रखना होता है। हमने संविधान की शपथ ली है और संविधान ने हमें किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय न करने की जिम्मेदारी सौंपी है।"
नितेश राणे के बयान पर विपक्ष का विरोध
नितेश राणे के हालिया बयानों को लेकर विपक्ष ने मंगलवार को राज्य विधानमंडल परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया था। विपक्ष का कहना था कि मंत्री द्वारा दिए गए बयान से समाज में तनाव बढ़ सकता है और इससे एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत फैल सकती है। फडणवीस ने इस बारे में कहा, "मंत्रियों को बोलते समय संयम बरतना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी टिप्पणियों से कहीं भी समाज में दुश्मनी पैदा न हो। कभी-कभी युवा मंत्री कुछ टिप्पणियां कर देते हैं। मैं ऐसे मौकों पर उनसे बात करता हूं और उन्हें बताता हूं कि आप एक मंत्री हैं और आपको संयम रखने की जरूरत है।" मुख्यमंत्री ने यह राय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरचंद्र पवार) के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल द्वारा ‘लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2025’ के अवसर पर लिए गए इंटरव्यू में रखी। (इनपुट- भाषा)
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