मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को गृहमंत्री अनिल देखमुख और मुंबई की पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के बीच 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले को लेकर कहा कि महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख को तुरंत दे देना चाहिए। बीजेपी नेता कल (21 मार्च) राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेंगे और गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करेंगे।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि 'मुंबई की पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पत्र के माध्यम से जो आरोप लगाए हैं वो गंभीर हैं, महाराष्ट्र के गृह मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए या मुख्यमंत्री को उन्हें हटाना चाहिए।' देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, केंद्रीय एजेंसी इसकी जांच करें। अगर राज्य सरकार को लगता है कि हमें केंद्रीय एजेंसी से जांच नहीं करानी तो कोर्ट मॉनिटर इंक्वायरी होनी चाहिए।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गंभीर आरोप
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में परमबीर सिंह ने लिखा है कि सूबे के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था। उद्धव को लिखी अपनी चिट्ठी में परमबीर ने कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था कि उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये चाहिए, और उन्होंने सचिन वाजे से कहा था कि हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा कर दिए जाएं।
मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के आरोपी पुलिसकर्मी सचिन वझे को हर महीने रेस्ट्रॉन्ट्स, होटल, बार आदि से 100 करोड़ उगाही करने के आदेश दिए थे।
परमबीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘गृह मंत्री अनिल देशमुख ने क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के मुखिया सचिन वाज़े को पिछले कुछ महीनों में लगातार अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया और पैसे इकट्ठे करने को कहा। फरवरी के मध्य में देशमुख ने वाज़े को अपने घर बुलाया। उस वक्त अनिल देशमुख के निजी सचिव मिस्टर पलांडे समेत मंत्री के स्टाफ के 1-2 लोग मौजूद थे। इस मीटिंग में देशमुख ने वाज़े से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने को कहा। देशमुख ने इस टारगेट को हासिल करने के लिए वाज़े को बताया कि मुंबई में करीब 1,750 रेस्टोरेंट, बार और दूसरे एस्टेब्लिशमेंट हैं। अगर हर एक से हर महीने 2-3 लाख रुपये लिए जाते हैं तो 40-50 करोड़ रुपए इकट्ठा हो जाएंगे, बाकी बची हुई रकम दूसरे सोर्सेज से हासिल की जा सकती है।’
‘देशमुख ने पाटिल से मांगी थी हुक्का पार्लर की जानकारी’
परमबीर सिंह ने पत्र में लिखा है, ‘कुछ दिनों बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोशल सर्विस ब्रांच के ACP संजय पाटिल को अपने घर बुलाया। इस मीटिंग में गृह मंत्री के निजी सचिव मिस्टर पलांडे और कुछ अफसर शामिल थे। मीटिंग में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ACP संजय पाटिल से मुंबई में मौजूद हुक्का पार्लर की जानकारी मांगी। 2 दिन बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ACP संजय पाटिल और DCP भुजबल को अपने घर बुलाया। पहले इन दोनों अफसरों को बाहर इंतज़ार करवाया, इसके बाद मिस्टर पलांडे ACP संजय पाटिल और DCP भुजबल को अंदर लेकर गए। मिस्टर पलांडे ने ACP संजय पाटिल को बताया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख मुंबई के 1,750 रेस्टोरेंट, बार और दूसरे एस्टेबिल्शमेंट से हर महीने 40-40 करोड़ रुपए की वसूली चाहते हैं।’
परमबीर के आरोपों पर अनिल देशमुख ने दी सफाई
परमबीर सिंह के आरोपों पर गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी प्रतिक्रिया दी है। देशमुख ने कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा, 'मुकेश अंबानी केस के साथ-साथ मनसुख हिरेन मर्डर केस में भी सचिन वाजे की संलिप्तता साफ हो रही है और इसके तार पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से जुड़ते दिख रहे हैं। अभी जांच चारी है।' परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि देशमुख ने सचिन वाजे को अपने घर पर कई बार बुलाया था।
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