मुंबई. आज महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा नेताओं के साथ राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात की। मुलाकात के बात उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, "आप सबको जानकारी है, पिछले कई दिनों से कई बातें सामने आई हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है, ज्यादा चिंता वाली बात ये है कि एक भी शब्द मुख्यमंत्री ने इस पूरी घटना पर कुछ नहीं बोला है, शरद पवार जी ने दो बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करी दी है और गृह मंत्री का बचाव किया है, कांग्रेस पार्टी अस्तित्वहीन नजर आ रही है और इस पूरे प्रकरण पर चुप है, उनके दिल्ली के नेता कुछ और कह रहे हैं। कुल मिलाकर इस महाविकास अघाडी ने पूरी नैतिकता पैर के नीचे कुचल दी है।"
उन्होंने कहा कि सिर्फ सत्ता के लिए यह पूरा काम हो रहा है, इन्हें जनता की चिंता नहीं है। कांग्रेस पार्टी पर सवाल उठाते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "मेरा कांग्रेस पार्टी से सवाल है कि वो बताए कि पूरे प्रकरण में उन्हें कितना हिस्सा मिला।"
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम आज राज्यपाल को मिले और सभी प्रकार की अलग अलग प्रकरण की जानकारी दी है क्योंकि अगर मुख्यमंत्री नहीं बोल रहे हैं तो संवैधानिक प्रमुख के तौर पर हमें राज्यपाल से मिलना चाहिए और हमने उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी है। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ने क्या कार्रवाई की, यह जो पूरा रैकेट बाहर आया है उसपर क्या कार्रवाई हुई। इस सभी मामले में राज्यपाल मुख्यमंत्री से बात करके एक जानकारी लें ऐसा हमने निवेदन किया है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार में कहीं भी नैतिकता नहीं दिखाई पड़ती क्योंकि इतना बड़ा रैकेट बाहर आने के बाद, जिन्होंने बाहर लाया उनपर तो कार्रवाई की गई, लेकिन जो रैकेट में शामिल थे उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और किसी तरह की कार्रवाई की चर्चा भी नहीं है। महावसूली सरकार में कांग्रेस पार्टी का क्या अस्तित्व है समझ नहीं आता, लेकिन ध्यान में आता है कि शायद जो हफ्तावसूली हो रही है उसमें बड़ा हिस्सा उनको भी मिल रहा होगा इसलिए वो मौन हैं और कुछ नहीं कह रहे। उनसे भी पूछना चाहेंगे कि आपकी जितनी सत्ता में हिस्सेदारी है क्या उतनी ही हफ्तावसूली में भी हिस्सेदारी है।
पूर्व सीएम कोरोना के बढ़ते मामलों की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और देश में कोरोना के केंद्र महाराष्ट्र बन चुका है। सरकार ने इसपर कोई उपाय नहीं किया। राज्यपाल को हमने कहा है और 100 घटनाएं राज्यपाल के ध्यान में लाकर दी हैं जिसमें सरकार ने संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया है। हमने राज्यपाल से इतनी ही मांग की है, क्योंकि मुख्यमंत्री भी बोलते नहीं हैं और सरकार भी ठीक नहीं चल रही है, ऐसे समय कम से कम मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगिए, राज्यपाल जी को अधिकार है कि उनसे पूछिए कि हफ्तावसूली, ट्रांस्फर रैकेट, कोरोना को लेकर आपने क्या कदम उठाए।