मुंबई. महाराष्ट्र में परमबीर सिंह के लेटर के बाद सियासी घमासान और बढ़ता ही जा रहा है। विपक्ष उद्धव सरकार पर लगातार हमलावर है। आज महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिस पुलिस अफसर ने भ्रष्टाचार की जानकारी सीएम उद्धव ठाकरे तक पहुंचाई, उसे ही मुख्यमंत्री ने पद से हटा दिया। उन्होंने कहा, "मैंने अपनी पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ट्रांसफर का एक रैकेट कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस ने पकड़ा और पकड़ने से पहली डीजी तथा एसीएस से अनुमति ली और उसकी एक रिपोर्ट माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचाई।"
उन्होंने कहा, "2017 में जिस समय मैं मुख्यमंत्री और गृहमंत्री था, मुझे जानकारी मिली थी कि मुंबई के किसी होटल में कुछ लोग डीलिंग कर रहे हैं और कुछ पुलिस अधिकारी वहां जा रहे हैं, मैने तुरंत कमिश्नर इंटेलिजेंस को बुलाया और एक योजना बनाई तथा सभी लोगों को अरेस्ट किया और चार्जशीट भी दाखिल की गई क्योंकि सारे सबूत थे। इसी प्रकार की सेवाएं अभी भी थी, मैं बहुत साफ कर देना चाहता हूं और मेरे आने से पहले भी कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस वही अधिकारी थीं। इसलिए उनको तीनों सरकारों का अनुभव है।"
फडणवीस ने आगे कहा कि उनको जब जानकारी मिली की एक रैकेट मंत्री के नाम का इस्तेमाल कर रहा है और कहीं न कहीं ट्रांसफर पोस्टिंग में पुलिस वालों से सीधी बात चल रही है। उन्होंने उसके बारे में डीजी साहब के ध्यान में लाया और डीजी साहब ने नियम के अनुसार एसीएस से इंटरसेप्शन की अनुमति मांगी। एसीएस ने अनुमति दी और कॉल रिकॉर्डिंग शुरू हुआ और कई एक्सपोसिव चीजें बाहर आई। कई बड़े अधिकारी राजनीतिक लोगों के नाम चर्चाएं बाहर आना शुरू हुए।
उन्होंने कहा कि ये सारी चीजें आने के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट उस समय के सीओआई ने तैयार किया और 25.8.2020 को रिपोर्ट डीजी साहब को दी, जिसे डीजी साहब ने 26.8.2020 को उस समय के एसीएस को भेज दिया और उसमें साफ तौर पर कहा कि सारी रिपोर्ट जितना जल्द हो सके मुख्यमंत्री को भेजी जाए और तुरंत जांच की सिफारिश की जाए। उसके बाद इसके बारे में पूरी ब्रीफिंग मुख्यमंत्री को हुई और उन्होंने चिंता भी जारी की।
फडणवीस ने कहा, "यह मेरे पास डेटा है करीब 6.3 जीबी का, जिसके अंदर यह सारे कॉल इंटरसेप्ट किए हुए हैं और यह एक पूरी रिपोर्ट है जो मुख्यमंत्री जी को भेजा गया था। लेकिन जब यह ध्यान में आया कि इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो डीजी साबह ने भी प्रयास किया, आश्चर्य की बात यह हुई कि मुख्यमंत्री जी के यहां से रिपोर्ट गृह मंत्री के पास चली गई और उसपर कार्रवाई होना तो दूर, कार्रवाई कमिश्नर इंटेलिजेंस पर, पहले कमिश्नर इंटेलिजेंस का प्रोमोशन रोक दिया गया और उनके नीचे वालों को एडवांस प्रोमशन दिया गया, क्योंकि उनका रिकॉर्ड अच्छा था, तो उसके चलते उनको प्रोमोशन देना पड़ा वह भी डीजी सिविल डिफेंस जो पोस्ट ही अस्तित्व में नहीं, सरकार पोस्ट तैयार कर सकती है लेकिन की ही नहीं गई थी।"
उन्होंने कहा कि उनको एक तरह से बताया गया कि रिपोर्ट तैयार करना आपकी गलती है। जानबूझकर 25 अगस्त 2020 से आजतक इतनी संवेदनशील रिपोर्ट पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। इस रिपोर्ट में जिनके नाम आए हैं उनको वही पोस्टिंग मिली है। बहुत ही गंभीर मामला है। रिपोर्ट बहुत संवेदनशील है, इसलिए आपको नहीं दी जाएगी। इसमें कई अफसरों के नाम आते हैं, कुछ वरिष्ठ अफसरों के भी नाम आते हैं। उन्होंने आगे कहा, "मैंने आज शाम को दिल्ली में गृह सचिव की समय मांगा है, मैं दिल्ली जा रहा हूं, पूरी जानकारी उनको दूंगा।"