मुंबई में अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। मुंबई के बीएमसी हॉस्पिटल में 5 दिन पहले जिस महिला की मौत हुई थी उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। परिवार वालों का दावा है कि बॉडी देखने से लेकर अंतिम संस्कार में तीन सौ लोग शामिल हुए थे। यह मामले मुम्बई के जय भारत सोसायटी का है। यहां रहने वाली एक 22 साल की प्रेग्नेंट महिला की इलाज के दौरान बीएमसी हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृत्यु के बाद रविवार की रात उसकी डेड बॉडी कांदिवली की जय भारत सोसाइटी में आई गई और उसके परिवार वाले हिंदू रीति रिवाज के तहत उसकी अंतिम यात्रा निकाली थी। यात्रा में बॉडी देखने से लेकर यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल भी हुए थे। इतना ही नहीं उस की डेड बॉडी को घंटों तक बिल्डिंग के नीचे रखा गया था और आसपास के लोगो का बॉडी को देखने के लिये भारी भीड़ जमा हो गयी थी।
अंतिम संस्कार के बाद 5 वें दिन उस महिला का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया है। बिल्डिंग के लोग डरे हुए है, कहीं उनको भी न कोरोना हो जाय। बीएमसी हेल्थ विभाग की टीम मृतक महिला के परिवार वालों को अब जाकर क्वारंटाइन कर रही है। चेस द वायरस के तहत अंतिम यात्रा में शामिल बाकी लोगो की तलाश कर रही है।
अंतिम संस्कार के पांच दिन बाद कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर मृतक के परिजन ने कूपर हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाया है, परिवार वालों का कहना है कि अगर मेरी बहु कोरोना पॉजिटिव थी तो उसकी बॉडी क्यों दी गई। हम लोगों डेड बॉडी की मांग नहीं की थी। परिवार वालों का दावा है कि दो सौ से तीन सौ लोग अंतिम विधि में शामिल होने और बॉडी देखने के लिए आए थे। परिवार वालों ने तो यह भी कह दिया कि अगर मेरे बिल्डिंग के किसी को भी कोरोना हुआ तो उसका जिम्मेदार सिर्फ कूपर हॉस्पिटल वाले होंगे