महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री दादा भुसे ने शुक्रवार को यहां राज्य विधान परिषद को बताया कि एक साल पहले नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे के पहले चरण के उद्घाटन के बाद से अब तक इस पर हुए सड़क हादसों में कम से कम 142 लोगों की मौत हो चुकी है। वह एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं की उच्च आवृत्ति के बारे में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। नागपुर और शिरडी को जोड़ने वाली सड़क का पहला 520 किलोमीटर लंबा चरण दिसंबर 2022 में यातायात के लिए खोला गया था। मंत्री ने सदन को बताया कि उद्घाटन के बाद से एक्सप्रेसवे पर कम से कम 73 बड़ी दुर्घटनाएं हुईं और 142 लोगों की मौत हो गई।
दादा भुसे ने नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कही ये बात
भुसे ने कहा कि दोनों तरफ बैरियर निर्माण का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और अगले चार महीनों में पेट्रोल पंप, भोजनालयों और शौचालयों सहित सुविधाओं के साथ 16 ‘स्टेशन पॉइंट’ बनाए जाएंगे। एक्सप्रेसवे पर 14 अक्टूबर को सड़क पर एक दुर्घटना में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले, एक जुलाई को एक निजी स्लीपर बस के डिवाइडर से टकराने के बाद आग लगने के कारण 25 यात्रियों की झुलसकर मौत हो गई थी। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, अमोल मितकारी, अनिकेत तटकरे, सतीश चव्हाण और विक्रम काले ने पेश किया था।
सड़क हादसों में लाखों लोगों की मौत
सड़क हादसों को लेकर केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी कई बार दुख जता चुके हैं। 7 दिसंबर को लोकसभा में सड़क हादसों को लेकर उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात कि हमारे देश में सड़क दुर्घटनाओं को हम रोक नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे पर एक तरफ कुछ लोग गति सीमा बढ़ाने की मांग करते हैं और इस संबंध में कानून में ढील की अनुरोध करते हैं, तो कुछ लोग गति सीमा को कम करने का प्रस्ताव देते हैं। उन्होंने कहा कि 2021 में 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, वहीं 2022 में 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं हुई। साल 2021 में हुए सड़क हादसों में 1,53,972 और 2022 में 1,68,491 लोगों की मौत हुई।