देश का पूर्वी तट हाल ही में आए सुपर साइक्लोन अम्फान से उबरा ही था, कि अब पश्चिमी तट पर तूफान से मुश्किलें बढ़ रहा है। अरब सागर में उठा यह चक्रवाती तूफान पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा है। अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र और चक्रवाती तूफान के साथ मुम्बई समेत आसपास के इलाके में हलचल बढ़ गई है। मौसम विभाग ने मुंबई सहित ठाणे,पालघर,रायगढ़ और रत्नागिरी में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने 3 और 4 जून पालघर जिले में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया किया है। वहीं 3 और 4 जून को मुम्बई,ठाणे और रायगढ़ में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट चेतावनी जारी की है। इससे पहले आज सुबह आईएमडी में चक्रवातों की प्रभारी सुनीता देवी ने कहा, "दक्षिण-पूर्व और इससे सटे मध्य पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। अगले 24 घंटों के दौरान और तीव्र होकर डिप्रेशन में बदलेगा और उसके बाद और तीव्र हो सकता है। इसके उत्तर की ओर बढ़ने और 3 जून तक उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात तटों के पास पहुंचने की आशंका है।"
कम दबाव का क्षेत्र और तनाव आईएमडी के आठ-श्रेणी के पैमाने पर वे पहले दो स्तर हैं, जिनका उपयोग चक्रवातों को उनकी तीव्रता के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है। मौसम ब्यूरो ने कहा कि समुद्र की स्थिति बहुत खराब होगी और मछुआरों को 4 जून तक समुद्र में न उतरने की सलाह है।
2 से 4 जून के बीच दक्षिण तटीय महाराष्ट्र में भारी बारिश, 2-3 जून को उत्तरी तट पर और गुजरात, दमन और दीव और दादर और नगर हवेली में 3-5 जून तक भारी बारिश का अनुमान है। आईएमडी ने कहा कि अरब सागर पर एक कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव के कारण केरल में मानसून की शुरुआत के लिए 1 जून से स्थितियां अनुकूल हो जाएंगी।
केरल में मानसून की आगमन की तारीख हर साल 1 जून और महाराष्ट्र में 10 जून के आसपास की होती है। पूवार्नुमान लगाने वाली एक निजी एजेंसी ने शनिवार को दावा किया था कि मानसून पहले ही केरल से टकरा चुका है, लेकिन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा जोर देकर फिर से अपने दावे को दोहराया गया। मंत्रालय के सचिव ने कहा, 'सोशल मीडिया में केरल पर मानसून की शुरुआत के बारे में खबर सही नहीं है। मॉनसून केरल में नहीं आया है। स्टीफन हॉकिंग ने कहा है कि ज्ञान का सबसे बड़ा दुश्मन अज्ञानता नहीं है, बल्कि ज्ञान होने का भ्रम है।'