महाराष्ट्र के नागपुर की साइबर पुलिस टीम ने एक टास्क फ्रॉड गिरोह की धोखाधड़ी का खुलासा करके मुंबई, राजस्थान और गुजरात से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों से पुलिस ने 8 लाख रुपये की नगदी, 19 क्रेडिट कार्ड, 9 मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है। इसके साथ ही आरोपियों के बैंक खातों में जमा हुई 37 लाख 26 हजार 700 की रकम फ्रिज कर दी है। इस मामाले में आश्चर्यजनक खुलासा हुआ है कि आरोपियों के बैंक खातों में करीब 28 लाख रुपये की रकम चीन के एक व्यक्ति के खाते से ट्रांसफर किए गए हैं। इसके चलते पुलिस को संबंधित टास्क फ्रॉड का कनेक्शन चीन से जुड़े होने का पता चला है।
घर बैठे पैसे कमाने का दिया था लालच
अभी तक तो लग रहा था कि पहले की तरह ही गुरुग्राम, मेवात, बिहार में बैठे गैंगस्टर ठगी को अंजाम दे रहे होंगे लेकिन साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्रकरण की जांच करते-करते पुलिस को पता चला कि साइबर टास्क फ्रॉड चीन में बैठे सरगना चला रहे हैं। फ्रॉड करने के लिए साइबर अपराधियों ने मानो कंपनी खोल रखी है। इस मामले में मुंबई, राजस्थान ,सूरत से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच के दौरान पता चला कि लोगों को घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया गया। इसमें सोशल मीडिया पर वीडियो लाइक, रिव्यू और सब्सक्राइब करने का टास्क दिया गया। शुरुआत में उन्हें अच्छे पैसे भी दिए गए। इसके बाद प्रीमियम टास्क पूरे करने के लिए समय-समय पर 54 लाख जमा करवाए गए और बाद में पैसे मिलने बंद हो गए।
चीन में बैठे मास्टरमाइंड को किए पैसे ट्रांसफर
डीसीपी अर्चित चांडक ने बताया कि साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा बारीकी से प्रकरण की जांच की गई जिसमें एक के बाद एक बैंक खातों के लिंक मिले। इस दौरान मनी ट्रेल का पता लगते हुए पुलिस को आरोपियों का सुराग मिला। पुलिस ने मुंबई, सूरत और विजय नगर से पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया तो पता चला कि आरोपियों ने चीन में बैठे मास्टरमाइंड को क्रिप्टोकरेंसी में पैसे ट्रांसफर किए हैं। मास्टरमाइंड कौन है यह तो फिलहाल कहा नहीं जा सकता, लेकिन टास्क चीन से दिए जा रहे हैं, यह तो पक्का है। जांच के दौरान 10 बैंक खातों की जानकारी सामने आई है।
लोगों को फंसाने वालों को मिलता है 10-20% तक कमीशन
यह गैंग 3 तरीके से काम करती है, पहले वीडियो और प्राइवेट रिव्यू के लिए लोगों को पैसे देकर विश्वास में लिया जाता है, यह काम करने के लिए अलग टीम होती है। शुरुआत में पैसे मिलने पर लोगों को विश्वास हो जाता है और फिर बड़े टास्क के नाम पर पैसे लिए जाते हैं। फिर अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए जाते हैं। खाताधारक अपने अकाउंट का एक्सेस आरोपियों को दे देता है। इस फ्रॉड में सबसे कम कमीशन खाताधारकों को मिलता है, जबकि लोगों को फंसाने वालों को ठगी की रकम से 10 से 20% तक कमीशन दिया जाता है।