महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और दाऊद इब्राहिम का महिमामंडन करने वाली टी-शर्ट बेचने वाले विक्रेताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अब इन लोगों और कंपनियों के खिलाफ जांच और पूछताछ होगी।कुछ दिन पहले ही लॉरेंस बिश्नोई को हीरो बताने वाली टी-शर्ट की फोटो सामने आई थी। इसके बाद जमकर बवाल हुआ था।
कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लॉरेंस बिश्नोई की टी-शर्ट बेचने के आरोप लगे थे। मीशो सहित अन्य कंपनियों ने सफाई देते हुए इस टी शर्ट को वेबसाइट से हटा दिया था। हालांकि, पुलिस ने इस मामले पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
मीशो-फ्लिपकार्ट को लेकर हुआ था बवाल
फिल्म निर्माता अलीशान जाफरी ने ऐसी टी-शर्ट को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्होंने एक फोटो शेयर की थी, जिसमें टी शर्ट पर लॉरेंस बिश्नोई की फोटो छपी थी और गैंगस्टर लिखा हुआ था। जाफरी ने एक्स पर लिखा था, "लोग मीशो और टीशॉपर जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर गैंगस्टर का सामान बेच रहे हैं। यह भारत के नवीनतम ऑनलाइन कट्टरपंथ का सिर्फ एक उदाहरण है।" हालांकि, बाद में अन्य लोगों ने फ्लिपकार्ट पर फी ऐसी ही टी शर्ट देखी, जिसकी कीमत 166 रुपये थी।
सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया कि ऐसी टी शर्ट बच्चों के लिए बेची जा रही हैं। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग में शामिल अधिकतर शूटर कम उम्र के हैं या उन्होंने कम उम्र में ही गैंगस्टर से प्रभावित होकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। ऐसे में बच्चों की विचारधारा को प्रभावित करने वाली इस टी शर्ट को लेकर आपत्ति जाहिर की गई। बवाल होने के बाद लगभग हर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने ऐसी टी शर्ट को अपनी वेबसाइट से हटा दिया। हालांकि, अब इन सभी प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी है।
पुलिस की FIR में क्या?
महाराष्ट्र साइबर पुलिस की तरफ से कहा गया है कि फ्लिपकार्ट, अलीएक्सप्रेस और टीशॉपर और ईटीसी जैसे मार्केटप्लेस सहित कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लॉरेंस बिश्नोई और दाऊद इब्राहिम जैसे कुख्यात गैंगस्टरों का महिमामंडन करने वाली टी-शर्ट बेच रहे हैं। आपराधिक हस्तियों को आदर्श बताने वाले उत्पाद एक विकृत छवि को बढ़ावा देकर समाज के लिए बड़ा जोखिम पैदा करते हैं। ऐसे उत्पाद युवा दिमाग को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। महाराष्ट्र साइबर विभाग इस सामग्री को हानिकारक मानता है, क्योंकि इससे प्रभावित लोग इन्हीं के जैसे आचरण कर अपराध की दुनिया में आ सकते हैं।
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने इस मुद्दे का गंभीरता से संज्ञान लिया है और इन आपत्तिजनक उत्पादों को बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सीआर संख्या 13/2024 यू/एस 192, 196, 353, 3 बीएनएस, 2023 आर/डब्ल्यू 67 आईटी अधिनियम, 2000 के तहत एफआईआर दर्ज की है। इन लिस्टिंग को होस्ट करने वाले प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट, अलीएक्सप्रेस, टीशॉपर और ईटीसी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई महाराष्ट्र साइबर की सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाए रखने और सार्वजनिक शांति को अस्थिर करने वाली सामग्री को रोकने के लिए की गई है।