पुणे एक्सीडेंट मामले में कोर्ट ने मुख्य आरोपी विशाल अग्रवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके आलावा अन्य 5 आरोपियों को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सभी आरोपियों की पुलिस कस्टडी खत्म होने के बाद उन्हें एक बार फिर से कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट ने सभी की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। नाबालिक आरोपी विशाल को जुविनाइल रिमांड होम में भेजा गया था। इस मामले में 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें शुक्रवार (24 णई) को पुणे की सेशन कोर्ट में पेश किया गया।
आरोपियों की जमानत और हिरासत को लेकर सरकारी वकील और बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं और अंत में अदालत ने अपना फैसला सुनाया। सरकारी वकील ने बताया कि पुलिस कई सवालों के जवाब ढूंढ़ रही है, जिनमें सीसीटीवी कैमरे से छेड़छाड़ और शराब के अलावा नशे का मामला शामिल है।
सरकारी वकील की दलील
पेशी के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि अब यह केस प्रगति पर है। पुलिस मोबाइल डाटा रिकवर करके उसकी जांच कर रही है। इसके अलावा घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का DVR प्राप्त कर लिया है, जिससे छेड़छाड़ की गई है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था। ड्राइवर से पूछताछ भी की जानी है और इन सभी काम के लिए सरकारी वकील ने कोर्ट से 7 दिनों की पुलिस कस्टडी की मांग की। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि घर में लगे सीसीटीवी डीवीआर में टेंपरिंग की गई है।
जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में ड्राइवर की भी मिली भगत है या नहीं। इसकी जांच आमने-सामने बिठाकर की जानी जरूरी है। नाबालिक आरोपी के साथ उसके कई दोस्त थे, क्या उन्होंने शराब के अलावा कुछ अन्य नशीले पदार्थों का भी सेवन किया था इसकी भी जांच होनी है।
बचाव पक्ष के तर्क
बचाव पक्ष के वकील ने इस मामले में सरकारी वकील के दलीलों को कमजोर बताते हुए कोर्ट से पुलिस कस्टडी ना देने की अपील की। बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि दोनों होटल के DVR जप्त कर लिए गए हैं। नाबालिक आरोपी ने किस प्रकार पैसे खर्च किया इसकी जांच के लिए भी पुलिस कस्टडी की जरूरत नहीं है। नाबालिक आरोपी से जुड़ी जानकारी के लिए पिता को पुलिस कस्टडी में रखने की आवश्यकता नहीं है। होटल के कागज और उनकी जांच के लिए साथ ही नाबालिक आरोपी ने कहां-कहां क्या किया इसके लिए भी पुलिस को विशाल अग्रवाल की कस्टडी की जरूरत नहीं है। आरोपी पर लगाई गई सभी धाराओं में जमानत हो सकती है।
क्या है मामला?
पुणे में 17 साल का एक लड़का शराब पीने के बाद गाड़ी चला रहा था। तेज रफ्तार कार हादसे का शिकार हो गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इस मामले में जज ने आरोपी को ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क सुरक्षा पर निबंध लिखने की सजा सुनाई। मामले ने तूल पकड़ा तो नाबालिग के पिता(विशाल अग्रवाल) और केस से जुड़े अन्य लोगों पर भी कार्रवाई हो रही है।