मुंबई: महाविकास आघाडी सरकार में शामिल पार्टियों ने महाराष्ट्र में फिर से लॉकडाउन लगाये जाने की जरूरत पर मंगलवार को अलग-अलग विचार प्रकट किये। एनसीपी और शिवसेना के कुछ नेताओं ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ इस तरह की रणनीति की कारगरता पर सवाल उठाए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता एवं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि लॉकडाउन लागू करना राज्य सरकार के लिए आखिरी विकल्प है। गौरतलब है कि कोविड-19 के नये मामले तेजी से बढ़ने के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को अधिकारियों से लॉकडाउन लागू करने के लिए एक ऐसी योजना तैयार करने को कहा था, जिसका अर्थव्यवस्था पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। राज्य कोविड-19 कार्य बल के सुझाव पर यह कदम उठाया गया।
बता दें कि महाराष्ट्र में कोविड-19 के नये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 31,643 नए मामले सामने आए थे। टोपे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति लॉकडाउन नहीं चाहता है, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी नहीं। हालांकि, यह हमारे समक्ष अंतिम विकल्प है। लॉकडाउन पर विचार करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन यह काफी समस्याएं पैदा करेगा। ’’ वहीं, टोपे के मंत्रिमंडल सहकर्मी एवं राकांपा नेता नवाब मलिक ने वायरस के प्रसार की रोकथाम में लॉकडाउन की कारगरता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन लागू करने से लोगों पर प्रतिकूल रूप से प्रभाव पड़ेगा। हम नहीं चाहते हैं कि लोगों को समस्याएं हों।’’
राज्य के मंत्री एवं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि लॉकडाउन जैसे उपाय से किसी की भी मदद नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने महसूस किया है कि मास्क पहनना और स्वच्छता रखना ही वायरस को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका है। ’’ इस बीच, किसी तरह के भी लॉकडाउन के भाजपा के विरोध को दोहराते हुए पार्टी के प्रदेश प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार को पहले फेरीवालों और श्रमिकों के लिए वित्तीय प्रावधान करना चाहिए, जो फिर से लॉकडाउन लगाये जाने पर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
इस बीच मोदी सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है और यह खास तौर पर कुछ राज्यों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इसने कहा कि पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। मोदी सरकार ने कहा कि कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र से हैं और दिल्ली भी एक जिले के रूप में इस सूची में शामिल है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से दिल्ली में कई जिले हैं, लेकिन इसे एक जिले के रूप में लिया गया है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, ‘‘कोविड-19 संबंधी स्थिति बद से बदतर हो रही है। पिछले कुछ सप्ताहों में, खासकर कुछ राज्यों में, यह एक बड़ी चिंता विषय है। किसी भी राज्य, देश के किसी भी हिस्से या जिले को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।’’
बता दें कि बीते कई दिनों से हर रोज कोरोना के 30 हजार से ज्यादा नए मामले मिल रहे थे लेकिन मंगलवार को 30 हजार से कम मामले सामने आए। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में मंगलवार को 27,918 नए कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं जबकि 23,820 लोग कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हो गए, जिन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 139 और मरीजों की मौत हो गई, जिसके कारण अब मृतकों की कुल संख्या 54,422 हो गई है।
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