Highlights
- कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को
- महाराष्ट्र के 797 पार्टी प्रतिनिधि मतदान करेंगे
- 561 महाराष्ट्र प्रदेश इकाई के हैं, जबकि 236 मुंबई इकाई के हैं
Congress President Election: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा सदस्य शशि थरूर में से एक को निर्वाचित करने के लिये महाराष्ट्र के 797 पार्टी प्रतिनिधि मतदान करेंगे। मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले पार्टी के इन 797 प्रतिनिधियों में से 561 महाराष्ट्र प्रदेश इकाई के हैं, जबकि 236 मुंबई इकाई के हैं। महाराष्ट्र इकाई के प्रतिनिधि तिलक भवन में मतदान करेंगे जहां सबसे पुरानी पार्टी की राज्य इकाई का मुख्यालय है, जबकि मुंबई के प्रतिनिधि शहर इकाई के कार्यालय में मतदान करेंगे। पार्टी अध्यक्ष के पद के लिये मतदान सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होगा। कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मतदान के लिये तीन मतदान केंद्र बनाये गये हैं।
मतदान की तैयारियां पूरी
कांग्रेस के प्रदेश निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारी पल्लम राजू, नरेंद्र रावत और कृष्णा पूनिया मत पेटियों के साथ मुंबई पहुंच चुकी हैं । प्रतिनिधियों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से बारकोड लगा परिचय पत्र दिया गया है। बयान में कहा गया है कि बार कोड लगा पहचान पत्र और मतदाता कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक जैसे किसी अन्य पहचान प्रमाण को मतदान से पहले प्रदर्शित करना आवश्यक होगा। राजू ने सभी प्रतिनिधियों से निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की है। चुनाव परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किये जायेंगे।
65 मतदान केंद्रों पर होगी वोटिंग
देश भर में प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के नौ हजार से अधिक प्रतिनिधि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिये 65 मतदान केंद्रों पर गुप्त मतदान करेंगे। पार्टी के 137 साल के इतिहास में यह छठा मौका है जब अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा है। गांधी परिवार के साथ निकटता के कारण खरगे को पसंदीदा माना जा रहा है और उन्हें वरिष्ठ नेताओं का समर्थन है। थरूर ने खुद को बदलाव के लिये बतौर उम्मीदवार पेश किया है। चुनाव प्रचार के दौरान थरूर ने भले ही समान अवसर नहीं मिलने के मुद्दे उठाये हों, लेकिन दोनों उम्मीदवारों और पार्टी नेताओं ने यह माना है कि गांधी परिवार तटस्थ है और कोई ‘‘आधिकारिक उम्मीदवार’’ नहीं है। पार्टी के शीर्ष पद के लिए आखिरी चुनावी मुकाबला वर्ष 2000 में हुआ था जब जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।