परभणी. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार को लेकर लगातार ये कहा जा रहा है कि गठबंधन में शामिल उसके सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी खुश नहीं है। अब महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने उद्धव ठाकरे को लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने परभणी में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के हमारे प्रमुख नेता बिलकुल नहीं चाहते थे कि हम अघाडी में जाएं।
उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन बड़ा मुद्दा था, राष्ट्रवादी के साथ हमारी पहले ही सरकार थी ऐसी परिस्थिति में शिवसेना के साथ आघाडी हो या नहीं इसके लिए भरपूर बैठकें की। हम जयपुर में थे तब भी हमारी बैठक हुई। सबका एक ही मत था कि कैसे भी भाजपा को रोकना है क्योंकि पिछले 5 साल में भाजपा ने कांग्रेस को खूब तकलीफ दी, कांग्रेस के लोगों को तकलीफ दी और अगर 5 साल और सरकार भाजपा की आ गयी तो कांग्रेस पार्टी खत्म करने की तैयारी चल रही थी। इसलिए सबका एक मत था कि कैसे भी करो सरकार में होना चाहिए और पार्टी को सरकार में आने के बाद बचाना चाहिए।
अशोक चव्हाण ने कहा कि ये 90 प्रतिशत लोगों की भावना थी। इसके बाद हम लोग सोनिया जी से दिल्ली में मिले, उन्हें पूरी पृष्टभूमि बताई और कहा कि भाजपा की सरकार आने से बेहतर है कि अपनी सरकार हो, भले ही हम सरकार को बाहर से समर्थन दें। इसपर सोनिया गांधी नाराज हुईं कि ये सब क्या चल रहा है लेकिन उन्हें सब बताने के बाद वो मानी और इसी एक बात पर हम आघाडी में आए।
इसके अलावा अशोक चव्हाण ने सीएम उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जहां पर कांग्रेस स्थानीय स्तर पर नगरपालिका या महानगर पालिका में सत्ता में है, हमारे ज्यादा नगरसेवक हैं वहां पर हमारे नगरसेवकों को सरकार से फंड नही मिलता है। हमने 2 से 3 बार मुख्यमंत्री से भी कहा कि हमारी राज्य में 3 पार्टियों की सत्ता है, जहां पर हम पालिका में हैं, वहा हमारा भी काम होना चाहिए। हमारी भी ताकत बढ़नी चाहिए। जिला परिषद लेवल पर भी हमारे काम होने चाहिए। मैं काम करते हुए (यानी कि जब वो मुख्यमंत्री थे) मैन सभी को मदद की और महाविकास आघाडी की सरकार में भी पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से तीनों ही घटक दलों के लोगों को पूरा सहयोग मिल रहा है।