महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में प्रचार का शोर अब जोर पकड़ रहा है। इस चुनाव में महायुति और महाअघाड़ी के बीच सीधी फाइट है। बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट एक खेमे यानी महायुती है। विपक्ष की ओर से उद्धव ठाकरे, शरद पवार और नाना पटोले (महाविकास अघाड़ी) की तिकड़ी दम भर रही है। दोनों गुट एक-दूसरे पर हमला व बयानबाजी कर रहे हैं। इसी सिलसिले में सीएम एकनाथ शिंदे ने वोटिंग से ठीक पहले उद्धव ठाकरे पर सबसे बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एक इंटरव्यू में उद्धव की सरकार को पलटने की पीछे का कारण बताया है।
उद्धव ठाकरे विचारधारा के खिलाफ गए
शिंदे ने ताजा इंटरव्यू में कहा कि उद्धव ठाकरे विचारधारा के खिलाफ गए, इसलिए उनकी सरकार को पलट दिया। उद्धव ठाकरे को बहुत समझाया, लेकिन वो निजी स्वार्थ और मोहमाया के जाल में फंस गए। मुख्यमंत्री बनने की चाहत में उद्धव ने एक नहीं सुनी और उस कांग्रेस के साथ गए जिसके खिलाफ हमेशा बाला साहेब ठाकरे लड़ते रहे। शिवसेना टूटने के कगार पर आ गई थी। ऐसे में सरकार पलटने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।
गठबंधन से पार्टी का नुकसान हो रहा था
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "जब राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार थी, उसमें भी मैं था, लेकिन वो सरकार बाला साहेब ठाकरे के विचारों के खिलाफ थी। मैंने उद्धव ठाकरे को बहुत समझाया, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। बाला साहेब ठाकरे कहते थे कि कांग्रेस को दूर रखो। गठबंधन से हमारी पार्टी का नुकसान हो रहा था।
मोहमाया के जाल में फंस गए थे
निजी स्वार्थ जागृत होने के बाद मोहमाया के जाल में फंस गए और सरकार उन्हीं के साथ बना दी। हमारी लाख कोशिशों के बावजूद नहीं हुआ और दुर्भाग्यवश हमारी शिवसेना पार्टी का जो नुकसान हो रहा था, शिवसैनिकों का नुकसान हो रहा था और शिवसेना पार्टी खत्म होने के कगार पर जब चलने लगी तब हमने निर्णय लिया। महाराष्ट्र की जनता की आवाज क्या है? महाराष्ट्र की जनता को शिवसेना-भाजपा का गठबंधन सरकार चाहिए। हमारे विधायक भी काफी त्रस्त थे। उनके विधानसभा क्षेत्र में कुछ काम नहीं हो रहा था और इसीलिए हमने सरकार पलट दी। और शिवसेना भाजपा गठबंधन की सरकार बनाई। पिछले 2 साल में हमने जनता के लिए काम किया और शिवसेना भाजपा गठबंधन की सरकार बनाई। पिछले 2 साल में हमने जनता के लिए काम किया।
नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर भी बोले शिंदे
सीएम शिंदे ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी पर भी बयान दिया है और कहा कि जो स्टैंड हमारा पहले था आज भी वही है। नवाब मलिक के खिलाफ हमने कैंडिडेट भी उतार दिया है। अब अजित पवार के जवाब का वेट कर रहे हैं। 4 नवंबर तक अजित पवार क्या कदम उठाते हैं? 4 नवंबर तक नामांकन वापसी की लास्ट डेट है। ऐसे में नवाब मलिक को लेकर महायुति में टेंशन जारी है।
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