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'मुझे किसी ज्योतिष के पास जाने की जरूरत नहीं है'- सीएम एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्हें किसी ज्योतिषी से सलाह लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी कलाई में इतनी ताकत है कि वह अपना भविष्य बदल सकते हैं।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: November 26, 2022 7:35 IST
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे(फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे(फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्हें किसी ज्योतिषी से सलाह लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी कलाई में इतनी ताकत है कि वह अपना भविष्य बदल सकते हैं। विपक्ष ने शिरडी और नासिक की हालिया यात्रा के दौरान ज्योतिष से मिलने को लेकर शिंदे का मजाक उड़ाया था। शिंदे ने सतारा जिले के कराड़ मुझे किसी ज्योतिष को अपनी हथेली दिखाने की जरूरत नहीं है। हथेलियों की रेखाएं बदलने के लिए आपकी कलाई में ताकत होनी चाहिए, और हमें वो ताकत बालासाहेब ठाकरे व आनंद दिघे से मिली है।” उन्होंने कहा कि पूरे देश ने 30 जून (शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के दिन) को वह ताकत देखी है।

शिंदे और बीजेपी के नेता कितने बार बेलगाम गए थे

हाल में संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए  शिवाजी का अपमान करने का आरोप लगाया था। साथ ही राउत ने सवाल किया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान सहन करने वाली एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार बेलगाम और अन्य सीमावर्ती इलाकों की मराठी भाषी आबादी के लिए न्याय कैसे सुनिश्चित करेगी? कथित धनशोधन मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद नयी दिल्ली के पहले दौरे में उन्होंने यह भी सवाल किया था कि शिंदे और बीजेपी के नेता चंद्रकांत पाटिल कितनी बार कर्नाटक के बेलगाम गए थे? राउत ने कहा था कि खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिंदे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बेलगाम का मुद्दा उठाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच बातचीत सार्वजनिक होनी चाहिए।

युवाओं के खिलाफ झूठे केस वापस हों

हाल में राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा था, ''मंत्री के रूप में न तो चंद्रकांत पाटिल और न ही एकनाथ शिंदे ने बेलगाम का दौरा किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री से सीमावर्ती क्षेत्रों में युवाओं के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों को वापस लेने के लिए कहा जाना चाहिए।'' राज्य के गठन के बाद से महाराष्ट्र का कर्नाटक के साथ सीमा विवाद है, जब बेलगाम जैसे मराठी भाषी आबादी वाले कुछ क्षेत्रों को कर्नाटक में शामिल किया गया था। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के प्रमुख नेता राउत ने आगे सवाल किया था कि शिवाजी महाराज का अपमान सहन करने वाली यह सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को कैसे न्याय दिलाएगी? 

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