मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक राज्य के सभी ज़िला अधिकारियों को आदेश देकर कहा है कि उनके दौरे के दौरान कोई हार, माला या बुके लेकर नहीं आएगा। साथ ही पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री को दिए जानेवाले गार्ड ऑफ़ ऑनर की परंपरा भी बंद की जाए।
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, "माननीय मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि अब से अपने जिले का दौरा करते समय निम्नलिखित निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।
1. कोई भी अधिकारी गुलदस्ता लेकर नहीं आएगा।
2. मुख्यमंत्री ने पुलिस बल द्वारा उनके दौरे पर दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर की परंपरा को बंद करने के आदेश दिए हैं। कृपया उपरोक्त निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
यह अधिसूचना सभी जिला मजिस्ट्रेट और सभी पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षकों के लिए जारी की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए एआई का इस्तेमाल करें: फडणवीस
देवेन्द्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दक्षिण मुंबई स्थित राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ में कृत्रिम मेधा (एआई) का उपयोग कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करें। फडणवीस ने उन्हें मंत्रालय के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा जांच के लिए एक मजबूत व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा। फडणवीस ने मंत्रालय में गृह विभाग और पुलिस बल के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान ये निर्देश दिए। सरकारी कर्मचारी और अधिकारी सरकारी काम के सिलसिले में नियमित रूप से मंत्रालय से विधान भवन (पास में स्थित विधानमंडल परिसर) जाते हैं। विधानमंडल सत्र के दौरान इन दोनों स्थानों पर आंगतुकों की संख्या काफी बढ़ जाती है। फडणवीस ने इसे देखते हुए उन्हें विशेष पास जारी करने का आदेश दिया।
मंत्रालय और विधान भवन के बीच एक ‘अंडरपास’ (भूमिगत मार्ग) बनाने का काम जारी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ‘अंडरपास’ को उन सरकारी अधिकारियों के लिए खोला जाए, जो विधान भवन में सरकारी काम के लिए जाते हैं। अधिकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मंत्रालय के प्रत्येक तल पर सुरक्षा जाल लगाने का भी निर्देश दिया। फिलहाल आगंतुकों और अन्य लोगों द्वारा आत्महत्या के प्रयासों को विफल करने के लिए परिसर की दूसरी मंजिल पर एक सुरक्षा जाल लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रालय परिसर में कुछ भी संदिग्ध दाखिल नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) इकबाल सिंह चहल, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला, मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर, विशेष पुलिस आयुक्त देवेन भारती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि बैठक के दौरान सुरक्षा के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गई। (इनपुट-भाषा)