महाराष्ट्र के मालवन तालुका के राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए मंगलवार को वास्तुकला इंजीनियरों, विशेषज्ञों, आईआईटी और नौसेना अधिकारियों की एक तकनीकी संयुक्त समिति गठित करने का फैसला किया गया। समिति तय करेगी कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है। राज्य के मुख्यमंत्राी एकनाथ शिंदे ने बैठक में ये निर्देश दिए। सीएम शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य और उत्कृष्ट प्रतिमा बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग को देश के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकारों, वास्तु इंजीनियरों, विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक समिति नियुक्त करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना के संबंध में वर्षा में संबंधित लोगों की बैठक बुलाई थी। बैठक में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, लोक निर्माण मंत्री और गर्जियान मंत्री रविन्द्र चव्हाण, स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, अपर मुख्य सचिव गृह इकबाल सिंह चहल, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण मनीषा म्हैस्कर, अपर मुख्य सचिव शहरी विकास असीम गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बृजेश सिंह, पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, वाइस एडमिरल अजय कोचर, रियर एडमिरल मनीष चड्ढा उपस्थित थे। मूर्तिकार राम सुतार, विनय वाघ और शशिकांत वाडके मौजूद थे।
नई मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी इन लोगों पर
मुख्यमंत्री ने छत्रपति की प्रतिमा को भव्य रूप में डिजाइन करने और खड़ा करने के लिए महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकारों और जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स, आईआईटी, वास्तुकला इंजीनियरों और नौसेना तकनीशियनों के तकनीकी अधिकारियों, एक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और शिव भक्तों की भावनाएं उग्र हैं। नौसेना दिवस समारोह के अवसर पर राजकोट में नौसेना ने अच्छी भावना से प्रतिमा स्थापित की थी और मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए कि भविष्य में ऐसी दुर्घटना फिर कभी न हो। इसके लिए पैसों की कमी नहीं होने दी जाएगी।
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