Tuesday, December 17, 2024
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महाराष्ट्र में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज छगन भुजबल, शीतकालीन सत्र बीच में ही छोड़कर नासिक लौटे

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में जगह नहीं पाने वाले विधायकों में असंतोष बढ़ रहा है और उनमें से कई नेताओं ने इसे सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की है।

Reported By : Dinesh Mourya Edited By : Mangal Yadav Published : Dec 17, 2024 8:15 IST, Updated : Dec 17, 2024 12:30 IST
एनसीपी (अजीत गुट) के सीनियर नेता छगन भुजबल
Image Source : FILE-PTI एनसीपी (अजीत गुट) के सीनियर नेता छगन भुजबल

नागपुरः महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से एनसीपी (अजीत गुट) के सीनियर नेता छगन भुजबल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने खुलकर अजीत पवार से नाराजगी व्यक्त की है। मंत्री पद न मिलने से नाराज छगन भुजबल विधानसभा का शीतकालीन सत्र बीच में ही छोड़कर नागपुर से नासिक लौट आए हैं। बताया जा रहा है कि वह आज अपने समर्थकों के साथ मीटिंग करेंगे। इसके बाद अपने अगले कदम पर फैसला लेंगे। छगन भुजबल ने कहा कि उन्होंने शीतकालीन सत्र के पहले दिन अपनी हाजरी लगा चुके हैं। वह अब फिर से सत्र में हिस्सा लेने के लिए नागपूर नहीं जाएंगे। 

छगन भुजबल ने दिए बगावत के संकेत

पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से बात करने के बाद अपने भविष्य का फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि वह वहां रहेंगे जहां उनका सम्मान किया जाएगा। वहां नहीं जहां उनका अपमान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए मंत्री पद कोई बड़ी बात नहीं है। मैंने अपने करियर में कई मंत्रालय देखे हैं। मंत्रालय आता है और चला जाता है, लेकिन मैं अभी भी यहां हूं। 

भुजबल ने कहा कि मुझे मंत्रिमंडल में शामिल इसलिए नहीं किया गया क्योंकि मैंने मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल के खिलाफ बोला था। भुजबल ने कहा कि अपमानित किया जा रहा है और मुझे अपनी पार्टी से इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं थी। 

सुधीर मुनगंटीवार को भी नहीं मिला मंत्री पद

बता दें कि रविवार को देवेंद्र फड़नवीस सरकार के कैबिनेट का विस्तार किया गया।  भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के 39 विधायकों ने मंत्री (33 कैबिनेट मंत्री और छह राज्य मंत्री) के रूप में शपथ ली। मंत्री न बन पाने के कारण शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के नेताओं में भी नाराजगी देखी जा रही है। भाजपा विधायक और पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि उन्हें सूचित किया गया था कि उनका नाम कैबिनेट सूची में है, लेकिन आखिरी समय में उन्हें हटा दिया गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे।

बीजेपी विधायक संजय कुटे ने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट लिखकर आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश रची गई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मंत्री पद गंवाना पड़ा। लेकिन उन्होंने कहा कि वह तब तक कड़ी मेहनत करते रहेंगे जब तक वह जीवन में अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते। 

शिवसेना में भी नाराजगी की खबरें

वहीं, शिवसेना विधायक और पूर्व मंत्री विजय शिवतारे ने कहा कि वह मंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उन्हें बिना किसी कारण के इनकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें 2.5 साल बाद भी मंत्री पद की पेशकश की जाएगी तो भी वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे। इन असंतुष्ट नेताओं को शांत करने के लिए, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि महायुति सहयोगी अपने कार्यकाल के दौरान मंत्रियों का "प्रदर्शन ऑडिट" कराने पर सहमत हुए हैं, जिसके आधार पर उन्हें बनाए रखा जाएगा या हटा दिया जाएगा।

 

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