सीबीआई ने टेंडरिंग और खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीएसआईआर-नीरी नागपुर के तत्कालीन निदेशक और 4 साइटिस्ट, 5 प्राइवेट फर्मों सहित 10 आरोपियों के खिलाफ 3 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं वहीं, सीबीआई इस मामले को लेकर 4 राज्यों में 17 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, 10 आरोपियों में 5 अधिकारी शामिल हैं, इसमें तत्कालीन डायरेक्टर, सीनियर साइंटिस्ट और रिसर्च सेल के डायरेक्टर, प्रिसिंपल साइंटिस्ट, तत्कालीन सीनियर प्रिसिंपल साइंटिस्ट, दिल्ली क्षेत्रीय केंद्र के तत्कालीन सीनियर फेलो और लेटर सीनियर साइंटिस्ट के नाम है। ये सभी सीएसआईआर एनईईआरआई, नागपुर और प्राइवेट फर्मों से जुड़े हुए हैं, जो नवी मुंबई, ठाणे, पवई-मुंबई, प्रभादेवी-मुंबई और एक अन्य प्राइवेट फर्म हैं।
17 जगहों पर चल रही तलाशी
आज महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार और दिल्ली में करीब 17 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। अब तक इसमें कई आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट, संपत्ति से संबंधित डॉक्यूमेंट और ज्वेलरी आदि बरामद हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, पहला मामला दो अधिकारी और तीन प्राइवेट फर्मों के खिलाफ दर्ज किया गया है। मामले में आरोपी अधिकारी सीएसआईआर-नीरी, नागपुर के तत्कालीन डायरेक्टर और तत्कालीन सीनियर साइंटिस्ट और रिसर्च सेल के डायरेक्टर हैं। आरोपियों के प्राइवेट फर्मों में नवी मुंबई स्थित एक प्राइवेट फर्म, ठाणे स्थित एक प्राइवेट फर्म और पवई-मुंबई स्थित एक प्राइवेट फर्म शामिल हैं।
अधिकारियों ने प्राइवेट कंपनियों के साथ साजिश रची
इन सभी यह आरोप लगा है कि आरोपी अधिकारियों ने इन प्राइवेट कंपनियों के साथ साजिश रची और पैसे के बदले में कार्टेलाइजेशन और मिलीभगत वाली बोली लगाने, टेंडर/कार्यों को बांटने, सक्षम प्राधिकारी की वित्तीय सहमति प्राप्त न करने की अनुमति दी। सभी तीनों प्राइवेट कंपनियों ने सीएसआईआर-नीरी द्वारा जारी टेंडर में भाग लिया और ये टेंडर नवी मुंबई स्थित प्राइवेट फर्म को अधिकांश टेंडरों में काम दिया गया। साथ ही इन पर यह भी आरोप लगा है कि नवी मुंबई स्थित प्राइवेट फर्म के डायरेक्टर्स में से एक एक संविदा कर्मचारी की पत्नी है, जो डायरेक्टर, सीएसआईआर-नीरी, नागपुर का लंबे समय से सहयोगी है।
साल 2018-19 में की थी साजिश
दूसरा जो मामला अधिकारी के खिलाफ दर्ज किया गया है इसमें सीएसआईआर-नीरी, नागपुर के तत्कालीन डायरेक्टर और एक प्रिंसीपल डायरेक्टर और प्रभादेवी-मुंबई स्थित एक प्राइवेट फर्म शामिल हैं। आरोप है कि आरोपी अधिकारी ने इस प्राइवेट फर्म के साथ आपराधिक साजिश में साल 2018-2019 के दौरान इस फर्म के लिए अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया। तीसरी एफआईआर दो अधिकारी और दो प्राइवेट फर्मों के खिलाफ दर्ज की गई, जिसमें नवी मुंबई स्थित प्राइवेट फर्म और एक अन्य प्राइवेट फर्म शामिल है। आरोपी अधिकारी में दिल्ली क्षेत्रीय केंद्र, नीरी के तत्कालीन साइंटिस्ट फेलो और बाद में सीएसआईआर-नीरी, नागपुर के सीनियर साइंटिस्ट और फिर सीएसआईआर-नीरी, नागपुर के सीनियर प्रिंसीपल साइंटिस्ट शामिल हैं।
लाइसेंस खत्म होने का बाद दिया टेंडर
यह भी आरोप लगाया गया कि बोली खत्म होने से पहले ही लाइसेंस की अवधि खत्म हो गई थी, और इसलिए एग्जिक्यूटिव लाइसेंसधारी, जो सिंगल टेंडर का आधार था, ने बोली प्रक्रिया को शुरू से ही अमान्य कर दिया। इसके अलावा, कथित तौर पर नवी मुंबई स्थित आरोपी निजी फर्म से पांच WAYU-II डिवाइस भी खरीदी गई थी, जिससे सवाल उठता है कि नवी मुंबई स्थित निजी फर्म उस डिवाइस का निर्माण कैसे कर सकती है, जिसका लाइसेंस विशेष रूप से किसी अन्य आरोपी फर्म को दिया गया था। NEERI के मालिक/पेटेंट धारक होने के बावजूद, एकल निविदा के आधार पर अपनी टेक्नोलॉजी के प्रोडक्ट को वापस खरीदने का काम कथित तौर पर GFR नियमों का उल्लंघन था। मामले में आगे की जांच जारी है।
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