नागपुर: एक चरवाहे ने अपनी गाय की मौत का बदला लेने के लिए एक बाघिन और उसके 3 बच्चों को मार दिया। बताया जा रहा है कि आरोपी ने इन सभी को कीटनाशक देकर उनकी जान ले ली। एक वन अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र स्थित उमरेड-पावनी-करहंडला अभयारण्य में एक बाघिन और 3 शावकों की मौत के मामले में शनिवार को एक मवेशी चराने वाले को गिरफ्तार किया गया। बाघिन और उसके दो शावकों के शव शुक्रवार को उमरेड रेंज में करहंडला बीट के कंपार्टमेंट संख्या 1415 में मिले और शनिवार सुबह तीसरे शावक का शव मिला, पास में ही एक गाय का आधा खाया हुआ शव पड़ा था।
‘5 महीने थी शावकों की उम्र’
पेंच टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक रविकिरण गोवेकर ने कहा, ‘परिस्थितिजन्य सबूतों के साथ-साथ स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर नवेगांव (साधु) गांव निवासी दिवाकर दत्तुजी नागेकर को हिरासत में लिया गया। आरोपी एक अवैध चरवाहा है और उसने बदला लेने के लिए कीटनाशक देने की बात कबूल की है। उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बाघिन करीब 4-5 साल की थी जबकि शावक करीब 5 महीने के थे। शवों से नमूने डीएनए और विषविज्ञान संबंधी परीक्षणों के लिए एकत्र किए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि उसने जिस कीटनाशक का इस्तेमाल किया, उसे जब्त कर लिया गया है। गोवेकर ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर शनिवार को अदालत में पेश किया गया।
कहीं खुशी, कहीं गम
वहीं, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शहरी निकाय द्वारा संचालित चिड़ियाघर में क्रिसमस की सुबह खुशी लेकर आई थी, जब एक बाघिन ने 5 शावकों को जन्म दिया था। औरंगाबाद नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि ‘समृद्धि’ नाम की बाघिन ने 5 शावकों को जन्म दिया है। यह तीसरी बार था जब बाघिन ने बच्चों को जन्म दिया है। चिड़ियाघर के अधीक्षक एसएस नाइकवाडे ने बताया, ‘समृद्धि का जन्म सिद्धार्थ चिड़ियाघर में हुआ था। उसने अब तक 12 शावकों को जन्म दिया है जिनमें से 5 शावकों का जन्म शुक्रवार तड़के हुआ और एक बार में जन्म लेने वाले शावकों की यह सबसे बड़ी संख्या है। इन शावकों के पिता का जन्म भी इसी चिड़ियाघर में 8 साल पहले हुआ था।’ उन्होंने बताया कि इन शावकों के साथ चिड़ियाघर में बाघों की संख्या 9 से 14 हो गई है।