मुंबई के पवई इलाके में दो दिन पहले नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पथराव की घटना के सिलसिले में 200 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और 57 लोगों को हिरासत में लिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जय भीम नगर झुग्गी बस्ती में गुरुवार को बृहन्मुंबई नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पथराव में कम से कम 15 पुलिसकर्मी, निगम के पांच इंजीनियर और मजदूर घायल हो गए थे।
अधिकारी ने शुक्रवार को बताया, ''पुलिस और बृहन्मुंबई नगर निगम के अधिकारियों पर पथराव करने के सिलसिले में 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उनमें से 57 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन सभी पर सरकारी कर्मचारियों को उनके कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने और दंगा करने का आरोप है।'' निगम ने पहले बताया था कि पवईगांव और मौजे तीरंदाज गांव में एक भूखंड पर अस्थायी झोपड़ियां बनाई गई थीं और राज्य मानवाधिकार आयोग ने नगर निकाय को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
लोगों का दावा- 25 साल से यहां रह रहे
एक अधिकारी के मुताबिक, नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दल वहां कथित अवैध निर्माणों को हटाने के लिए गया था और साथ में सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की एक टीम भी थी, लेकिन निवासियों ने यह कहते हुए विरोध शुरू कर दिया कि वे पिछले 25 वर्षों से वहां रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक भूखंड पर लगभग 400 झोपड़ियां बनाई गई थीं। पथराव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी प्रसारित हुआ था, जिसमें पुरुष और महिलाएं पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों पर पथराव करते हुए नजर आ रहे हैं। मुंबई में पुलिस और बीएमसी के अधिकारियों पर पथराव हुआ था। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। मुंबई के पवई इलाके में मुंबई पुलिस और बीएमसी के अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए गए थे। यहां अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन मुहिम चला रहा है। अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमणकारियों ने मुंबई पुलिस और बीएमसी के अधिकारियों पर पथराव कर दिया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें अतिक्रमणकारियों को पुलिस पर पत्थरबाजी करते देखा जा सकता है।