Monday, November 25, 2024
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'ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह रद्द करें', शरद पवार गुट ने विधानसभा चुनाव से पहले फिर की चुनाव आयोग से मांग

शरद पवार गुट ने इलेक्शन कमीशन से विधानसभा चुनाव में ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह रद्द करने की मांग की है। शरद गुट ने कमीशन को चिट्ठी लिखकर ये मांग की है।

Reported By : Sameer Bhaudas Bhise Edited By : Shailendra Tiwari Updated on: June 26, 2024 14:36 IST
शरद पवार - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO एनसीपी (शरद पवार गुट) ने की ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह रद्द करने की मांग

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को बस कुछ ही माह बचे हैं। इस चुनाव में जहां सत्ता पक्ष महायुति भरसक कोशिश में है कि बहुमत लाकर वह दोबारा सरकार में आए तो एमवीए भी इसी कोशिश में लगी हुई है। इस बीच राष्ट्र्वादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार गुट) चुनाव आयोग के पास पहुंच गई है और उन्होंने एक चुनाव चिन्ह को विधानसभा में सिंबल न बनाने की गुहार लगाई है। राष्ट्र्वादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार गुट) की ओर से विधानसभा चुनाव से पहले ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह रद्द करने की मांग चुनाव आयोग को की गई है। ये कोई पहली बार नहीं जब शरद पवार गुट ने इस चुनाव चिन्ह को रद्द करने की मांग की है।

लोकसभा चुनाव से पहले भी की थी रद्द करने की मांग

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भी शरद पवार गुट ने ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह रद्द करने की मांग की थी लेकिन उस वक्त चुनाव आयोग ने उनकी मांग यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि शरदचंद्र पवार गुट को मिला हुआ चुनाव चिन्ह तुतारी बजाता हुआ व्यक्ति है, जबकि दूसरा चुनाव चिन्ह सिर्फ ट्रम्पेट है और दोनों में कोई समानता नहीं है। पर लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए शरदचंद्र पवार गुट की ओर से दोबारा चुनाव आयोग से ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह विधानसभा चुनाव में किसी को भी न देने की मांग की गई है।

लोकसभा चुनाव रिजल्ट का दिया हवाला

शरदचंद्र पवार गुट की ओर से चुनाव आयोग को लिखे पत्र में शरदचंद्र पवार गुट ने राज्य की 10 लोकसभा सीट में से उन 9 सीट का जिक्र किया है जहां ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह को कुल 4 .1 लाख वोट मिले है। शरद गुट का मानना है कि वोटर्स ट्रम्पेट और तुतारी बजाता हुआ व्यक्ति में फर्क नहीं कर पाए जिसका खामियाजा पार्टी के अधिकतर उम्मीदवारों को उठाना पड़ा है। एनसीपी (शरद गुट) ने बताया कि सातारा लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जिसका चुनाव चिन्ह ट्रम्पेट था उन्हें 37 हजार वोट मिले और शरदचंद्र पवार गुट के उम्मीदवार शशिकांत शिंदे को 5.38 लाख वोट मिले। जबकि भाजपा उम्मीद्वार उदयन राजे भोसले 5,71,134 वोट मिले यानी बीजेपी उम्मीदवार तकरीबन 32,771 वोट की मार्जिन से चुनाव जीते हैं।

इसी कारण विधानसभा चुनाव में किसी भी निर्दलीय उम्मीदवार को ट्रम्पेट चुनाव चिन्ह न देने की मांग की जा रही है। चुनाव आयोग इस दाखिल पुनर्विचार याचिका पर क्या फैसला देता है ये तो काल के गाल में है लेकिन चुनाव आयोग ने अगर अपना पुराना फैसला ही कायम रखा तो शरदचंद्र पवार गुट कोर्ट भी जा सकते हैं।

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