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- जिन लोगों ने हिंदुत्व को किराए पर लिया है, उन्हें हमें हिंदुत्व नहीं सिखाना चाहिए: संजय राउत
- राउत ने कहा कि सांप्रदायिक दंगे की स्थिति पैदा करना और चुनाव जीतना अब एक पैटर्न और पैकेज है।
मुंबई: महाराष्ट्र के कोल्हापुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) उम्मीदवार की जीत की सराहना करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि परिणाम दिखाता है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर के मुद्दे पर ‘गंदी राजनीति’ और हनुमान चालीसा का पाठ काम नहीं आया। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस-एमवीए उम्मीदवार जयश्री जाधव को शनिवार को 96,176 वोट मिले, जबकि बीजेपी के सत्यजीत कदम को 77,426 वोट मिले। जाधव को 18,750 मतों के अंतर से जीत मिली।
‘लाउडस्पीकर की राजनीति आज खत्म हो गई है’
दिसंबर 2021 में कोविड-19 के कारण कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव की मृत्यु के बाद पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में इस विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव कराया गया। जयश्री दिवंगत चंद्रकांत जाधव की विधवा हैं। राउत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और विपक्षी दल बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब कोल्हापुर में अभियान अपने चरम पर था, तब मस्जिदों में लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा के पाठ का मुद्दा उठाया गया। लेकिन, कोल्हापुर के लोगों ने उन्हें जवाब दे दिया है और लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। लाउडस्पीकर की राजनीति आज खत्म हो गई है। हर कोई जानता है कि लाउडस्पीकर के मुद्दे के पीछे कौन था।’
‘दंगे कराना और चुनाव जीतना अब बीजेपी की रणनीति’
इस महीने की शुरुआत में अपनी 2 रैलियों में MNS सुप्रीमो राज ठाकरे ने चेतावनी दी थी कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया तो इन धार्मिक स्थलों के सामने जोर-जोर से हनुमान चालीसा का पाठ होगा। राज ठाकरे ने राज्य सरकार को 3 मई से पहले उनकी मांग पर कार्रवाई करने का ‘अल्टीमेटम’ भी दिया। बीजेपी ने राज ठाकरे की मांग को लेकर उनका समर्थन किया है। नासिक में राउत ने कहा, ‘वर्षों से हम शांतिपूर्वक हनुमान जयंती और रामनवमी को धार्मिक उत्साह के साथ मनाते आ रहे हैं। लेकिन इस बार रामनवमी के दिन सांप्रदायिक दंगे हुए। पहले ऐसा नहीं हुआ था। रामनवमी पर 10 राज्यों में दंगे हुए। जहां भी चुनाव हों, वहां दंगे कराना और चुनाव जीतना अब बीजेपी की रणनीति है।’
‘कुछ लोग दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो की सस्ती कॉपी हैं’
शिवसेना सांसद ने आरोप लगाया कि कुछ महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद हिजाब का मुद्दा खत्म हो गया था और अब लाउडस्पीकर जैसे नए मुद्दे सामने आए हैं। परोक्ष रूप से राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, ‘1987 में, शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने हिंदुत्व का आह्वान किया और विले पार्ले उपचुनाव जीता। कुछ लोग दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो की सस्ती कॉपी हैं। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं। जिन लोगों ने हिंदुत्व को किराए पर लिया है, उन्हें हमें हिंदुत्व नहीं सिखाना चाहिए।’
‘उपचुनाव के परिणाम से यह गंदी राजनीति खत्म हो गई’
राउत ने कहा, ‘जो लोग हनुमान चालीसा का पाठ करने का दावा करते हैं, वे इसकी पहली दो चौपाई भी दिल से नहीं कह सकते। वे राष्ट्रगान और वंदे मातरम् का पाठ भी नहीं कर सकते। सांप्रदायिक दंगे की स्थिति पैदा करना और चुनाव जीतना अब एक पैटर्न और पैकेज है। लेकिन यह देश को टुकड़ों में बांट देगा। मान्य डेसिबल सीमा तक लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति है। लाउडस्पीकर की राजनीति सामाजिक अशांति की ओर ले जा रही है। यहां तक कि 2 महान हिंदुत्व नेताओं स्वातंत्र्यवीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे ने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया। किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। इस उपचुनाव के परिणाम से यह गंदी राजनीति खत्म हो गई है।’