Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. महाराष्ट्र
  3. बदलापुर एनकाउंटरः 'अक्षय शिंदे के सिर पर गोली क्यों मारी', हाई कोर्ट के वे सवाल जिनमें फंस गई पुलिस!

बदलापुर एनकाउंटरः 'अक्षय शिंदे के सिर पर गोली क्यों मारी', हाई कोर्ट के वे सवाल जिनमें फंस गई पुलिस!

हाई कोर्ट ने कहा कि बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की मुठभेड़ में हुई मौत की जांच निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिए।

Reported By : Rajesh Kumar Edited By : Mangal Yadav Updated on: September 25, 2024 16:42 IST
बांबे हाई कोर्ट - India TV Hindi
Image Source : PTI बांबे हाई कोर्ट

मुंबईः बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर बांबे हाई कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। मृतक अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बदलापुर की घटना को एनकाउंटर मानना मुश्किल लग रहा है। रिपोर्ट बताती है कि पुलिस ने आरोपी के सिर में गोली मारी। सेल्फ डिफेंस में तो पैर पर गोली मारी जाती है। हाई कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में गड़बड़ी नजर आ रही है। 

हाई कोर्ट ने पुलिस से पूछे ये सवाल

अदालत ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले शिंदे को काबू करने की कोशिश की होती तो गोलीबारी से बचा जा सकता था और इस बात पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि उसने एक पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीनकर गोलियां चलाईं। अदालत ने पूछा कि आरोपी को पहले हाथ या पैर के बजाय सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई? न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि अगर उसे पता चला कि जांच ठीक से नहीं हो रही है, तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होंगी।

हाई कोर्ट ने सभी कागजात सीआईडी ​​को सौंपने के निर्देश दिए

 बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले के सभी कागजात तुरंत राज्य सीआईडी ​​को सौंपने का भी निर्देश दिया, जो शिंदे कि मौत की जांच करेगी। कोर्ट ने सवाल किया, ''फाइलें अभी तक सीआईडी ​​को क्यों नहीं सौंपी गईं?'' कोर्ट ने कहा कि हालांकि वह इस स्तर पर कोई संदेह नहीं जता रहा है, लेकिन यह विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि अक्षय शिंदे एक पुलिस अधिकारी से पिस्तौल जब्त करने और गोलियां चलाने में कामयाब रहा। पीठ ने कहा कि पिस्तौल को खोलना और उससे गोली चलाना बहुत आसान नहीं है। 

हाई कोर्ट ने पुलिस से पूछे ये सवाल

  1.  बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे पुलिस के घटनाओं के विवरण पर संदेह जताते हुए कहा कि इस पर विश्वास करना कठिन है। जब तक वह प्रशिक्षित न हो, पिस्तौल नहीं चला सकता।  
  2.  ठाणे पुलिस ने तर्क दिया कि आरोपी अक्षय शिंदे ने एक पुरानी पिस्तौल छीन ली थी और उसे गोली मार दी थी। जवाब में बॉम्बे हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मृतक (अक्षय शिंदे) ने पिस्तौल ली, उसे लोड किया और गोली चलाई? 
  3.  बॉम्बे HC ने घटना के विवरण के बारे में पुलिस का पक्ष रख रहे हितेन वेनेगांवकर से पूछा, ''आपके मुताबिक, उसने (अक्षय शिंदे) तीन गोलियां चलाईं। केवल एक गोली पुलिस अधिकारी को लगी।  
  4.  बॉम्बे HC ने पुलिस के "आत्मरक्षा" के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि आम तौर पर एक आरोपी को घुटने के नीचे गोली मार दी जानी चाहिए। अदालत ने सवाल किया, “आरोपी को पहले सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई, पैर या बांह में क्यों नहीं? जब कोई आम आदमी ऐसा करता है तो हम समझ जाते हैं, लेकिन पुलिस अधिकारी को ठीक से पता होता है कि गोली कहां चलानी है। 
  5. पुलिस अधिकारी की कार्रवाई के बचाव में वेनेगांवकर ने जवाब दिया, "उनके पास सोचने का समय नहीं था... वह ठीक सामने बैठे थे। 
  6. अदालत ने कहा कि आरोपी के साथ हुई गोलीबारी को टाला जा सकता था, यह सवाल करते हुए कि पुलिस ने पहले उसे पकड़ने का प्रयास क्यों नहीं किया। पीठ ने पूछा, ''हम कैसे विश्वास कर लें कि पुलिस उन आरोपियों पर काबू नहीं पा सकी, जो गोलीबारी में प्रशिक्षित थे? 

बता दें कि 24 वर्षीय शिंदे पर महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। पुलिस के अनुसार, अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस वाहन में नवी मुंबई की तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था। इस दौरान ठाणे में मुंब्रा बाईपास के पास उसने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली, जिसके बाद हुई गोलीबारी में उसकी मौत हो गई।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें महाराष्ट्र सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement