मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोविड-19 के बीच कड़ी पाबंदियों के साथ मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एस जे काठावाला और न्यायमूर्ति माधव जामदार ने स्थानीय शिया संगठन की याचिका पर सुनवाई के बाद इजाजत दे दी। याचिका में कोविड-19 महामारी के बीच सांकेतिक रूप से मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति मांग रही याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया था।
राज्य सरकार और याचिकाकर्ता ऑल इंडिया इदारा-ए-तहफ्फुज-ए-हुसैनियत ने आपसी सहमति कायम करके शुक्रवार को अदालत को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद अदालत ने जुलूस की इजाजत दी।
अदालत के आदेश के अनुसार शिया मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को 30 अगस्त शाम साढ़े चार बजे से साढ़े पांच बजे के बीच पहले से तय किसी एक मार्ग पर केवल ट्रक पर जुलूस निकालने की अनुमति होगी। पैदल जुलूस की इजाजत नहीं है। आदेश में कहा गया है कि एक ट्रक में अधिकतम पांच लोगों के ही सवार होने की अनुमति होगी।
वहीं 'ताजिया' के साथ भी केवल पांच लोगों की ही चयनित मार्ग पर आखिरी 100 मीटर पैदल चलने की इजाजत होगी। अदालत ने कहा कि जुलूस में हिस्सा लाने वाले पांच लोगों को अपने घर के पते और मुंबई पुलिस को देने होंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति मांग रही याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि हर जगह स्थानीय प्रशासन स्थिति के हिसाब से निर्णय लेता है। पूरे देश पर लागू होने वाला कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। इसके साथ हीं शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर जुलूस निकालने की इजाजत देंगे तो अराजकता फैलेगी।