Friday, November 15, 2024
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कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों को भर्ती से इनकार करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई का निर्देश

बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को महज कोविड-19 की आरटी-पीसीआर पॉजिटिव रिपोर्ट न होने पर रोगियों को भर्ती करने से इनकार करने वाले अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 04, 2021 17:58 IST
कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों को भर्ती से इनकार करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई का निर्देश- India TV Hindi
Image Source : PTI/REPRESENTATIONAL IMAGE कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों को भर्ती से इनकार करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई का निर्देश

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को महज कोविड-19 की आरटी-पीसीआर पॉजिटिव रिपोर्ट न होने पर रोगियों को भर्ती करने से इनकार करने वाले अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने बुधवार को पारित एक आदेश में कहा कि राज्य के अधिकारियों को कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों को भर्ती करने के बारे में पिछले महीने राज्य और केन्द्र द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिये।

पीठ 17 मई को राज्य सरकार और आठ मई को केन्द्र सरकार द्वारा जारी किये गए परिपत्रों का जिक्र कर रही थी। उच्च न्यायालय ने वकील विल्सन के जायसवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

याचिका में यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की अपील की गई है कि राज्य के सभी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, कोविड-19 केन्द्र आदि आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट की अनिवार्यता के बिना संदिग्ध रोगियों को भर्ती करें। 

महाराष्ट्र सरकार ने निजी अस्पतालों में म्यूकरमाइकोसिस के इलाज की दरें निर्धारित की 

महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को राज्य के निजी अस्पतालों में म्यूकरमाइकोसिस के रोगियों के उपचार को लेकर शुल्क की सीमा तय कर दी है। राज्य में ऐसे मामलों की आधिकारिक संख्या पांच हजार से अधिक हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस आशय की एक अधिसूचना जारी की, जिसमें बम्बई पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के तहत पंजीकृत सभी धर्मार्थ अस्पतालों को म्यूकरमाइकोसिस रोगियों का इलाज करते समय इस शुल्क सीमा का पालन करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के उपचार के लिए 28 प्रकार की सर्जरी चिह्नित की हैं।

अधिसूचना में कहा गया है कि तीसरी श्रेणी के शहरों में सर्जरी का न्यूनतम शुल्क लगभग छह हजार रुपये तय किया गया है और यह क्षेत्र व इलाज की जटिलता के आधार पर एक लाख रुपये तक बढ़ सकता है। अधिसूचना में क्षेत्र और उपचार के प्रकार के अनुसार शुल्क का उल्लेख किया गया है।

जन स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे मेट्रो शहरों में कुछ बहु-विषयक निजी अस्पताल हैं, जहां मस्तिष्क, नाक, आंख, कान, और अन्य के विशेषज्ञ म्यूकरमाइकोसिस के मामलों की देखरेख के लिए उपलब्ध हैं। ऐसे अस्पतालों को आमतौर पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में जाना जाता है।’’

उन्होंने कहा कि यदि कोई मरीज ऐसे अस्पतालों में इलाज कराना चाहता है, तो आमतौर पर इसका शुल्क बहुत अधिक होता है। लेकिन इस अधिसूचना के जरिये अब शुल्क की सीमा तय कर दी गई है और मरीज ऐसे अस्पतालों में भी इलाज करा सकते हैं। 

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