मुंबई: शहर में आज बीएमसी की तरफ से मराठी साइन बोर्ड नहीं लगाए जाने पर कारवाई की जा रही है। मुंबई में 7 लाख से अधिक दुकानें, होटल मौजूद हैं। ऐसे में अब तक बीएमसी की नोटिस के बाद 23436 दुकानदारों ने बोर्ड पर मराठी में लिखवा लिया है, लेकिन 5217 दुकानों के बोर्ड पर मराठी नाम नहीं लिखा है। ऐसे में इन दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ऑर्डर आने के बाद 2 महीने का लंबा वक्त दुकानदारों को दिया गया था, ताकि वह दुकान का नाम बोर्ड मराठी में लिख लें। इसके बावजूद भी जिन दुकानों के बाहर नाम मराठी में नही हैं, या मराठी दूसरे भाषा के मुकाबले छोटे अक्षर में है तो उस पर कारवाई की जा रही है।
दो हजार से एक लाख तक का लग रहा जुर्माना
बता दें कि बीएमसी के 24 वार्डों में हर वार्ड की एक टीम बनाई गई है, जो दुकानों में जाकर इस बात की जांच कर रही है कि नाम मराठी में लिखे हैं या नहीं। जिन दुकानों के बाहर नाम मराठी बोर्ड में नहीं हैं, उन पर प्रति कर्मचारी 2 हजार से लेकर 1 लाख तक का चालान लगाया जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं आया इसलिए उन्होंने अब तक बोर्ड नहीं लगाया है। बीएमसी के A वार्ड में 10 लोगों की टीम मुंबई के कोलाबा स्थित कई दुकानों में जाकर उन दुकानों पर कार्रवाई कर रही है, जिन्होंने अब तक दुकानों के साइन बोर्ड नहीं बदले हैं। कुछ दुकानों के नाम अरबी में भी लिखे हैं, लेकिन मराठी में नहीं। ऐसी दुकानों पर भी बीएमसी ने करवाई की है। ऐसे में प्रतिदिन चालान की राशि बढ़ेगी, जब तक कार्रवाई नहीं की जाती है।
दुकानदारों ने किया समर्थन
वहीं दुकानों के साइन बोर्ड बदले जाने के मुद्दे को लेकर आम मुंबईकर ने इसका समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि मराठी साइन बोर्ड होने से हमे कोई दिक्कत नहीं है बल्कि अच्छा ही लगता है। मुंबई में कमाते हैं तो मराठी लिखने में क्या दिक्कत है। जिन दुकानदारों ने नाम बदल दिया है उन्होंने बोला कि हमने खुशी-खुशी इस बात को लागू किया है। इतने हंगामे के बीच में बाजारों में लगभग सभी ने मराठी साइन बोर्ड लगा रखे हैं, तो कुछ दुकानदार आज की डेड लाइन को देखते हुए तुरंत दुकानों के नाम मराठी में लिखवा रहे हैं।
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