मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर मुंबई और बिहार पुलिस के बीच चल रहा विवाद फिलहाल कम होता नहीं दिख रहा है। मामले में जांच के लिए मुंबई आए पटना के एसपी विनय तिवारी को क्वारंटीन किये जाने के खिलाफ बिहार पुलिस के आईजी ने बीएमसी के चीफ़ को पत्र लिखकर इसका विरोध जताया था जिसका जवाब बीएमसी ने पटना पुलिस को भेज दिया है।
बिहार के आईजी को पत्र का जवाब बीएमसी की ओर से अतिरिक्त आयुक्त पी. वेलरासू ने भेजा है। जवाब मे कहा गया है कि बिहार में कोविड-19 के मामले को देखते हुए एसपी विनय तिवारी 14 दिनों के लिए क्वारंटीन रहेंगे लेकिन वह डिजिटल प्लेटफार्म यानी कि गूगल मीट, जूम ऐप और जियो मीट आदि के माध्यम से अपनी बात कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारियों से प्रत्यक्ष रूप से मिलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके बाद बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट किया है कि बीएमसी का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
बता दें कि सुशांत सिंह मामले की जांच के लिए आईपीएस विनय तिवारी रविवार को मुंबई पहुंचे थे। उसी दिन देर रात उन्हें होम क्वारंटीन कर दिया गया था।
इस बीच केंद्र ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई से जांच कराने की बिहार सरकार की सिफारिश को बुधवार को मंजूरी दे दी। वहीं उच्चतम न्यायालय ने सुशांत को प्रतिभाशाली कलाकार बताते हुये कहा कि उनकी मृत्यु के कारणों की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।
सुशांत की 14 जून को मुंबई में मौत हो गयी थी। उसके बाद इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना नीत गठबंधन को सीबीआई जांच का कदम पसंद नहीं आया और राकांपा नेता नवाब मलिक ने बिहार की याचिका पर न्याय अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाया लेकिन बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) ने कहा कि सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र द्वारा स्वीकार करने के साथ, हम उम्मीद कर सकते हैं कि सुशांत मामले में न्याय होगा।