मुंबई: महाराष्ट्र बीजेपी नेताओं का एक दल आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने राजभवन पहुंचा था। जानकारी के मुताबिक बीजेपी नेताओं की तरफ से राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा गया था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी नेता राज्यपाल से मुलाकात हुई। परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद बदले सियासी माहौल में यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। मुलाकात के बाद प्रेस वार्ता करते हुए पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने राज्यपाल को पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उद्धव सरकार ने नैतिकता पैरों ने नीचे कुचली।
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में जो हो रहा है, वो दुखदायी है। इस मामले में मुख्यमंत्री का मौन सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है। शरद पवार ने दो बार प्रेस वार्ता की, लेकिन उन्होंने भी आरोपियों को बचाने की कोशिश की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठाए। फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस बताए कि इस वसूली से उन्हें कितना हिस्सा मिला। फडणवीस ने कहा कि इस सरकार में जरा भी नैतिकतना नहीं है।
मुलाकात से पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की और महाराष्ट्र पुलिस में तबादलों संबंधी कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह सचिव ने मुझसे कहा कि वह दस्तावेजों और सबूत की पड़ताल करेंगे तथा केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी जो उचित कार्रवाई करेगी।
देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा वसूली संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनके क्रियाकलाप के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को सही सूचना नहीं दी गई। फडणवीस ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी दावा किया कि राज्य में महा विकास आघाडी सरकार ने राज्य के खुफिया विभाग की एक ठोस रिपोर्ट पर ‘‘कार्रवाई नहीं की जिसमें पुलिस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति में भ्रष्टाचार के संबंध में हुई बातचीत का ऑडियो था। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला द्वारा इजाजत लेकर फोन टैप किए गए थे और कॉल पर की गई बातचीत का ‘6.
3 जीबी डेटा’ उनके पास है जिसमें कई अहम पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई थी। भाजपा नेता ने कहा कि इन सभी फोन कॉल को राज्य सरकार से उचित अनुमति लेकर शुक्ला ने रिकॉर्ड किया था लेकिन अगस्त 2020 में मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को रिपोर्ट सौंपने के बावजूद रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने यह भी कहा, ‘‘वीआईपी लोगों के आवागमन संबंधी पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को मुंबई में सह्याद्री अतिथि गृह और 24 फरवरी को मंत्रालय गए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देशमुख 15 फरवरी से 27 फरवरी के बीच घर पर पृथक-वास में थे लेकिन अधिकारियों से मुलाकात कर रहे थे। मुझे लगता है कि पवार साहब को कल ठीक से इसके बारे में नहीं बताया गया।’’
इनपुट-भाषा