महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भाले ही अभी नहीं हुआ है लेकिन इसको लेकर राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। ऐस में भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल का एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वह पुणे की बारामती तहसील में अपनी पारंपरिक इंदापुर सीट से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने पर पितृ पक्ष खत्म होने के बाद फैसला करेंगे। बता दे कि पिछले कुछ दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं कि पाटिल चुनाव लड़ने के लिए संभवतः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) में शामिल हो सकते हैं।
2019 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे पाटिल
जानकारी दे दें कि पाटिल ने 1995, 1999, 2004 और 2009 के चुनाव में इंदापुर से निर्दलीय और कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी, जबकि 2014 और 2019 में यह सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दत्तात्रेय भरणे ने जीती थी। पाटिल 2019 के विधानसभा चुनाव में भरणे से 3,110 मतों के अंतर से हार गए थे। भरणे अब राकांपा के अजित पवार गुट के साथ हैं, जो भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
'मैं लोकतंत्र में लोगों की राय को सर्वोच्च मानता हूं'
राज्य में सत्तासीन गठबंधन में सीट बंटवारे के फार्मूले को हालांकि अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन संभावना है कि अगर पार्टियों को वे सीट मिलती हैं जिन पर उनके मौजूदा विधायक हैं तो इंदापुर सीट अजित पवार गुट को मिलेगी। पाटिल ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनता दरबार लगा रहा हूं। कई लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मैं इंदापुर से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ूं। चूंकि मैं लोकतंत्र में लोगों की राय को सर्वोच्च मानता हूं, इसलिए मुझे फैसला लेना होगा।” उन्होंने कहा, “पितृ पक्ष समाप्त होने के बाद मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की मांगों पर निर्णय लूंगा।”
Input- PTI
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