महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हालिया बयान पर बवाल मचा है। उन्होंने बीते दिनों अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती में एक सभा के दौरान बयान देकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया। अजित पवार ने कहा, "आपने मुझे वोट दिया है, इसका मतलब ये नहीं है कि आप मेरे मालिक हो।" उनके इस बयान के बाद अजित पवार और उनकी पार्टी की आलोचना शुरू हो गई और राज्य सरकार की किरकिरी भी हो रही है।
बयान से बीजेपी का किनारा
अजित पवार के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। महाराष्ट्र सरकार की हो रही किरकिरी के बीच इस डैमेज को कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए बीजेपी ने इस बयान से किनारा कर लिया है। महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि जनता सर्वोपरि है और जनता का वोट हमारे लिए कर्जा है। नागपुर में बावनकुले ने कहा कि अजित पवार ने क्या कहा, मैंने देखा नहीं है ,लेकिन जनता हमारे लिए सर्वोपरि है, जनता ही हमको चुनकर भेजती है, जनता ने हमारी सरकार बनाई है, जनता का वोट हमारे लिए कर्जा है, केंद्र और देवेंद्र सरकार मिलकर काम करेंगे और जनता को ही सर्वोपरि मानकर आगे जाएंगे।"
क्या था अजित पवार का बयान?
दअसल, बारामती में अजित पवार जब भाषण दे रहे थे, तब मंच के नीचे बैठे कार्यकर्ता लगातार पत्र दे रहे थे और उन्हें अपना काम करने के लिए कह रहे थे। पहले तो पवार उन्हें अनदेखा करते रहे, लेकिन जब भाषण के दौरान यह सिलसिला जारी रहा, तो वे नाराज हो गए और एक कार्यकर्ता से कहा, "तुमने मुझे वोट दिया, इसका मतलब यह नहीं है कि तुम मेरे मालिक बन गए हो। क्या तुमने मुझे अब खेत मजदूर बना दिया है?"
बता दें कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति में शामिल बीजेपी, शिवसेना और NCP ने मिलकर 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की थी।
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