औरंगाबाद: एनसीपी को औरंगाबाद में बड़ा झटका लगा है। एनसीपी के 60 से ज्यादा पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एनसीपी के शहर अध्यक्ष जावेद खान की अगुवाई में इन पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा दिया। जानकारी के मुताबिक औरंगाबाद का नाम बदले जाने के विरोध में इस्तीफा दिया गया है। जावेद का आरोप है कि नाम बदलने में एनसीपी की अहम भूमिका थी। एनसीपी ने भी नाम बदलने का समर्थन किया था जबकि इस तरह का समर्थन नहीं करना चाहिए था।
एनसीपी को इसका विरोध करना चाहिए
जावेद का कहना है कि शिवसेना उद्धव ग्रुप नाम बदलने का समर्थन इसलिए कर रही थी क्योंकि यह उनका शुरू से एजेंडा था। लेकिन एनसीपी ने उद्धव के सीएम रहते हुए कैबिनेट में इसका समर्थन क्यों किया ? एनसीपी को इसका विरोध करना चाहिए था। इसलिए औरंगाबाद का नाम बदलने के लिए एनसीपी मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
बता दें कि महाराष्ट्र के शहर औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने को लेकर महाराष्ट्र सरकार की मांगों को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया गया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक ट्वीट कर इस बाबत जानकारी साझा की थी। उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नामांतर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में स्थापित सरकार ने कर दिखाया है। इससे 35 साल पहले शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे द्वारा औरंगाबाद में आयोजित एक जनसभा के दौरान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया था।
ये भी पढ़ें-
राजधानी दिल्ली के मुंडका इलाके में चाकूबाजी, 2 की मौत, 7 घायल